Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले का सबसे बड़ा राजकीय भगवानदास खेतान (बीडीके) अस्पताल सुर्खियों में है. बीडीके अस्पताल का मामला थाने पहुंच गया है. पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है. एक पीड़ित ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.


अस्पताल के चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ पर आरोप है कि एमसीएच विंग में एक महिला के जुड़वा बच्चों में से एक का सुरक्षित प्रसव कराने के बाद दूसरे बच्चे की डिलीवरी अधूरी छोड़ दी गई. इसके कारण महिला को निजी अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां दूसरा बच्चा मृत पैदा हुआ. 


पीड़ित महिला के जेठ सहदेव सैनी ने कोतवाली थाने में शिकायत दी है. उन्होंने बताया कि अनिता सैनी पत्नी गोविंद सैनी को शुक्रवार रात प्रसव पीड़ा होने पर बीडीके अस्पताल लाया गया. जांच में पता चला कि महिला के पेट में जुड़वा बच्चे हैं. लेबर रूम में एक बच्चे का जन्म हो गया, लेकिन दूसरे बच्चे की नाल काट दी गई. इसके बाद चिकित्सकों ने महिला को अन्य अस्पताल ले जाने की सलाह दी. परिजन प्रसूता को निजी अस्पताल ले गये. निजी अस्पताल में दूसरे बच्चे का मृत जन्म हुआ. 


बीडीके अस्पताल की लापरवाही का थाने पहुंचा मामला


विवाद बढ़ने पर बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. राजवीर राव ने सफाई दी. उन्होंने लापरवाही के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने परिजनों को दूसरे बच्चे की धड़कन नहीं होने की जानकारी दी थी. परिजनों ने स्वेच्छा से महिला को निजी अस्पताल ले जाने का फैसला किया.


उन्होंने कहा कि लिखित में अनुमति भी ली गई थी. कोतवाली थाने में परिवाद दिए जाने के बाद पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है. डॉ. राजवीर राव ने कहा कि अगर फिर भी लापरवाही हुई है तो बोर्ड से जांच करवाएंगे. 


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