Jhunjhunu Assembly By Election 2024: राजस्थान के झुंझुनूं विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर माहौल गर्म है. इस बार बीजेपी कांग्रेस के लिए नई मुसीबत है. कांग्रेस को अपना गढ़ बचाना है. दूसरी तरफ बीजेपी के लिए चुनौती है कि उन्हें इस सीट पर जीत दर्ज कर कांग्रेस को पटखनी देनी है. यहां पर पिछले चार चुनाव से बीजेपी को जीत नहीं मिली है. 


झुंझुनूं उपचुनाव में इस बार निर्दलीय के रूप में राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी मैदान में है. राजेंद्र गुढ़ा राजस्थान सरकार में मंत्री रहे हैं. वह पिछला चुनाव उदयपुरवाटी से हार गए थे. झुंझुनू के लोगों का कहना है कि इस बार ओला फैमिली के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है. क्योंकि, यहां का एमजे (मुस्लिम और जाट)  फैक्टर कमजोर पड़ गया है. 


अभी तक मुस्लिम और जाट मिलकर इस सीट पर कांग्रेस को चुनाव जिताते आए हैं. झुंझुनूं नगर परिषद अध्यक्ष का टिकट मुस्लिम कोटे में और झुंझुनूं लोकसभा और विधान सभा जाट कोटे में ओला परिवार को अभी तक मिलती रही है. यह बात यहां पर वर्षों से चली आ रही है.


बीजेपी ने दिखाई एकजुटता


झुंझुनूं विधानसभा सीट पर बीजेपी के लिए मुसीबत इसलिए बन जाती है कि यहां पर पार्टी के बगावती भी खड़े हो जाते हैं. इस बार भी कुछ ऐसी ही शुरुआत हुई थी. मगर, बीजेपी ने इसे संभाल लिया है. बबलू चौधरी और राजेंद्र भाम्भू एक मंच पर एक साथ दिखे. इस बार बीजेपी ने जाट नेताओं को मैदान में उतार दिया है. डॉ. सतीश पूनियां के दौरे कराए  गए. कैबिनेट मंत्री को अविनाश गहलोत को मोर्चे पर लगाया गया. इसके साथ ही राजपूत वोटर्स को साधने के लिए पूर्व सैनिकों से भी सभाएं कराई गई हैं.


कांग्रेस के लिए सिर्फ 'ओला'


झुंझुनूं विधानसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से सिर्फ ओला परिवार मैदान में है. अमित ओला सांसद बृजेंद्र सिंह ओला के बेटे हैं. अमित के दादा शीशराम ओला यहां से कई बार सांसद और विधायक रहे हैं. यहां पर ओला परिवार का दबदबा बना हुआ है. मुस्लिम वोटर्स को पूरी तरह से साधने की तैयारी है. वहीं, पूर्व मंत्री और निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने चुनाव को रोचक बना दिया है. वह इस बार पूरी ताकत से चुनाव लड़ रहे हैं.


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