Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Joadhpur) में धर्मार्थ उपयोग के लिए 54 साल पहले दी गई जमीन समय के साथ अब बेशकीमती हो चुकी है. भू माफियाओं ने इस जमीन को फायदे में बेचने के लिए जेडीए (Jaipur Development Authority) अफसरों से सांठ गांठ की. इसके बाद जमीन का एकल कमर्शियल पट्टा जारी किया गया.


इस जमीन के मामले में घोटाले और भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. जेडीए के उपायुक्त को इस घोटाले में लिप्त पाया गया. इसके बाद उपायुक्त रविंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) भ्रष्टाचारियों पर लगातार सख्त कार्रवाई करने के मूड में हैं. जोधपुर एम्स अस्पताल के पास धर्मार्थ के उपयोग की जमीन के कथित घोटाले में खुलासा होने के बाद जेडीए आयुक्त नवनीत कुमार ने जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है.


सरकार ने मांगी थी पूरे मामले की जानकारी
राज्य सरकार ने मंगलवार को कलेक्टर से इस पूरे मामले की जानकारी मांगी थी.बता दें कि इस मामले में सीआईडी पूरे तथ्य जुटाकर दस्तावेज सरकार को भिजवा चुकी है. वहीं मामले में जेडीए के डायरेक्टर लॉ से जब प्रक्रिया के तहत विधिक राय मांगी गई तो उन्होंने अपनी टिप्पणी में लिखा कि धर्मार्थ उपयोग की जमीन का नियमन कानून के खिलाफ किया गया है. इसलिए इस जमीन से जुड़ा पट्टा और समस्त कार्रवाई निरस्त की जाए. इस टिप्पणी के बाद कमर्शियल एकल पट्टा जारी करने वाले अफसरों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. डीए के अधिकारियों ने आनन-फानन में 5202.57 वर्ग मीटर के कमर्शियल पट्टे को खारिज कर दिया.


जेडीए उपायुक्त को किया गया  सस्पेंड
प्रमुख शासन सचिव यूडीएच और जेडीए के अफसरों तक के हाथों से इस बेशकीमती जमीन की पत्रावली निकली. पहले जमीन का उपयोग बदला गया. फिर पत्रावली बिना रुकावट तेजी से चली. इस जमीन को लेकर आपत्ति भी आई, लेकिन उसको दरकिनार कर दिया गया. अब इस मामले में पट्टा जारी करने वाले जेडीए उपायुक्त रविंद्र कुमार को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. यह मामला राज्य सरकार तक पहुंचा है. उचित स्तरीय जांच होने से इस  मामले में और भी अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.


जेडीए ने पट्टा खारिज होने की सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करवाई. हालांकि कमर्शियल एकल पट्टा जेडीए कुछ दिनों पहले ही खारिज कर चुका था. वहीं जमीन घोटाले को लेकर उच्च स्तरीय जांच की भी मांग उठ रही है.


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