Jodhpur: 60 दिनों की नहर बंदी के चलते जोधपुर शहर में जल संकट गहराता जा रहा है. इस जल संकट में आम जनता से अपील की जा रही है कि पानी को बर्बाद नहीं करें. एक तरफ पानी की किल्लत चल रही है तो वहीं हजारों लीटर पानी सड़कों पर ऐसे ही बह रहा है. शिकायत करने के बावजूद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी की आंखें नहीं खुली है. एक ओर पानी पर पुलिस का पहरा है तो वहीं दूसरी ओर जोधपुर की मुख्य सड़क पर पानी बर्बाद हो रहा है. पानी की बर्बादी करने वाली जनता से तो जुर्माना वसूला जा रहा है लेकिन जिम्मेदारों पर किसी तरह का जुर्माना नहीं होने के चलते पानी की बर्बादी हो रही है.


प्रशासन की दिखी लापरवाही 


जोधपुर के जालोरी गेट मेडिकल मार्केट की मुख्य सड़क के पास हजारों लीटर पानी प्रतिदिन सड़कों पर बह रहा है. आसपास के लोग पिछले तीन दिनों से इसकी शिकायत कर रहे हैं लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. लोगों के घरों में 72 घंटे बाद पानी की सप्लाई खोली जा रही है. उनको सीमित दायरे में पानी का उपयोग करने के लिए भी लगातार जागरूक किया जा रहा है. दूसरी और प्रशासन की बड़ी लापरवाही नजर आ रही है. पिछले 3 दिनों से हजारों लीटर पानी प्रतिदिन सड़कों पर बह रहा है. 


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पुलिस कर रही है कार्रवाई


जोधपुर के लोगों को अगले कुछ दिन तक पानी को सहेज कर काम लेना होगा. इंदिरा गांधी नहर के क्लोजर 60 दिन से थोड़ा लंबा होते ही जोधपुर में शुरू हुए पेयजल संकट से फिलहाल राहत मिलने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं. नहर के जरिये हिमालय का पानी जोधपुर पहुंचने के बावजूद अगले कुछ दिन तक जोधपुर शहर में 72 घंटे यानी तीन दिन में एक बार जलापूर्ति की व्यवस्था जारी रहेगी.


पेयजल किल्लत की कगार पर पहुंच चुके शहर के प्रमुख जलाशयों, कायलाना और तखतसागर में कुछ पानी आपात स्थिति के लिए एकत्र किया गया है. पेयजल समस्या को देखते हुए फिल्टर हाउस पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. वहीं पानी की बर्बादी करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है.


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