Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर स्थित प्राचीन चामुंडा माता मंदिर में शुक्रवार (16 फरवरी) की रात को असामाजिक तत्वों ने माता की प्रतिमा चोरी कर ली. ये मंदिर चौथी शताब्दी का बताया जा रहा है. चोरी के बाद आसामाजिक तत्वों ने मंदिर को अस्त व्यस्त कर दिया. पुजारी और भक्त शनिवार (17 फरवरी) की सुबह मंदिर पहुंचे तो चोरी का पता चला. इसकी सूचना पुलिस और पुरातत्व विभाग को दी गई है. मंदिर में चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारियों के साथ एफएसएल टीम, डॉग स्क्वाड और ड्रोन टीम मौके पर पहुंची.
प्राचीन चामुंडा माता मंदिर में चोरी की घटना से लोगों में आक्रोश है. पुलिस की भारी जाब्ता मौके पर मौजूद है. करणी सिंह ने बताया कि मंदिर से जुड़े भक्तों ने बताया कि अभी गुप्त नवरात्रि चल रही है. सप्तमी को हम लोग यहां पर पहुंचे थे. यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन आता है. हम लोग पूजा पाठ करने आते हैं. उन्होंने बताया कि आज सुबह जब हम लोग मंदिर पहुंचे, तो यहां की हालत देखकर हैरान हो गए. मंदिर में मां चामुंडा की प्रतिमा नहीं थी.
लोगों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
करणी सिंह के मुताबिक, मौके पर मंदिर परिसर को अपवित्र करने की सामग्री पड़ी हुई थी. प्लास्टिक की बोतल में अपवित्र करने वाली चीजें भरकर रखा गई थी. इसे अलावा मौके पर काला कपड़ा, मटकी, सिगरेट के पैकेट पड़ा हुआ मिला. मंदिर परिसर में गंदगी की गई थी. उन्होंने दावा किया यह जोधपुर के शांत माहौल को खराब करने की नियत से किया गया है. करणी सिंह ने कहा कि हम सबकी पुलिस प्रशासन से मांग है कि 24 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तार किया जाए, अगर ऐसा नहीं किया गया तो राजपूत माली सहित 36 कॉम के लोग उग्र आंदोलन करेंगे.
पुलिस जांच में जुटी
मंडोर मंदिर से मां चामुंडा की प्रतिमा की चोरी की सूचना मिलते ही मंडोर एसीपी पीयूष कविया मंडोर थाना अधिकारी विक्रमसिंह सहित पुलिस का भारी जाब्ता मौके पर पहुंच गए. इसके अलावा मौके से साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड की टीम भी मौके पर पहुंची. यह प्राचीन मंदिर मंडोर उद्यान के पहाड़ी पर स्थित है. पुलिस की टीम पहाड़ी क्षेत्र में बने सरोवर में तलाश कर रही है. हालांकि अभी तक मां चामुंडा की प्रतिमा नहीं मिली है. पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रही है.
सदियों पुराना है मंदिर का इतिहास
जोधपुर के इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. सदियों पुराना माता चामुंडा का यह मंदिर उद्यान नगद अली की पहाड़ियों पर स्थित है. यह मंदिर जोधपुर की स्थापना से पहले का है, जब मंडोर राजधानी हुआ करती थी. बताया जा रहा है कि मंडोर प्रतिहार जो आज के परिहार राजपूत वंश के राजाओं की राजधानी थी. प्रतिहरों की कुलदेवी मां चामुंडा के इस मंदिर की स्थापना चौथी शताब्दी के समय की गई. इस मंदिर में मां चामुंडा की प्रतिमा की स्थापना की गई थी. 1460 में राव जोधा ने जोधपुर किले को बसाने के बाद, यहीं की माता की प्रतिमा को लेकर चामुंडा माता मंदिर में स्थापित किया था.
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