Jodhpur News: ओसियां के पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. मामला पेयजल परियोजना के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रोटोकॉल उल्लंघन का है. ओसियां क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत भेड़ हरलाया पेयजल परियोजना का सरकारी खर्चे से कार्यक्रम कर शिलान्यास किया गया. शिलान्यास पट्टिका पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री,पाली सांसद, ओसियां प्रधान सहित बीजेपी जनप्रतिनिधियों का नाम नहीं था. शिलान्यास कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए भैराराम सियोल ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम में बीजेपी जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया.


'शिलान्यास कार्यक्रम में प्रोटोकॉल उल्लंघन'


उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के विशेष प्रयासों से 3 वर्षों में प्रदेश को 29 हजार करोड़ की बड़ी राशि विभिन्न पेयजल परियोजनाओं के लिए स्वीकृत की गई है. प्रदेश सरकार घोर लापरवाही के कारण केंद्र की भेजी गई राशि को खर्च भी नहीं कर पाई. उन्होंने आरोप लगाया राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा नहीं किया. शिलान्यास पट्टिका पर प्रोटोकॉल के तहत मुख्यमंत्री और पीएचईडी मंत्री का भी नाम होना था. लेकिन उसका भी उल्लेख नहीं था. 




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क्या है भेड़ -हरलाया पेयजल परियोजना ?


मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में पूर्व विधायक ने ओसियां क्षेत्र की जनसमस्याओं के बारे में भी बताया. भैराराम सियोल ने ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा पर पेयजल परियोजनाओं को अटकाने और बीजेपी जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का आरोप लगाया. सियोल ने कहा कि जिला परिषद और विधायक कोटे का भी पैसे खर्च नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पत्र में ओसियां क्षेत्र की जनसमस्याओं के निराकरण का भी मुद्दा उठाया गया है. जल जीवन मिशन के तहत केंद्र और राज्य की संयुक्त भेड़ हरलाया पेयजल परियोजना के लिए 443 करोड़ की स्वीकृत राशि से 118 गांव में पेयजल पहुंचाया जाना है. 118 में लोहावट क्षेत्र के 87 गांव और ओसियां क्षेत्र के 31 गांव शामिल हैं.