Jodhpur News: जोधपुर के CAZRI में लाल फलों से लदा खजूर का बगीचा, गर्मी से कम हुई पैदावार
Jodhpur News: काजरी जोधपुर के डायरेक्टर ओपी यादव ने बताया कि इसकी खासियत है कि गर्मी में कम पानी में उत्पादन ज्यादा देते हैं. साथ ही तेज धूप से फल आकर्षक और जमुनी लाल कलर का दिखाई देने लगता है.
Jodhpur Date News: खजूर का नाम सुनते ही मुंह में मिठास घुल जाती है. खजूर को सूखे मेवे के रूप में काम में लिया जाता है. जोधपुर केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी के वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार किया गया.खजूर का बगीचा एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. क्योंकि लाल फलदार खजूर की डिमांड बाजार में बढ़ने लगी है, जिसके चलते खजूर की कीमत में 100 किलो तक का इजाफा हो गया है.
काजरी में एक हेक्टेयर में 'उत्तक संवर्धन टिश्यू कल्चर' तकनीकी से तैयार खजूर के लगभग 160 पौधे लगे हुए हैं. खजूर की ADP-01 प्रजाति के पौधे 10 साल पहले आनंद कृषि विश्वविद्यालय गुजरात से लाकर लगाए गए थे.
केंद्रीय शुष्क अनुसंधान संस्था काजरी जोधपुर के डायरेक्टर ओ.पी. यादव ने बताया कि आज हमारे कजरी के अनुसंधान केंद्र में खजूरों का यह बगीचा लाल फलों से लदा हुआ है. काजरी केंद्र के खजूर फार्म पर यह पौधे सितंबर 2014 में लगाए गए थे. उन्होंने बताया कि लगभग ढाई साल बाद इन्ह पौधों से खजूर फल देना शुरू कर देते हैं.उन्होंने बताया कि उचित रखरखाव सिंचाई और उर्वरकों का भी प्रयोग करके खजूर के पौधों से 50 साल तक भरपूर उपज ली जा सकती है.
काजरी जोधपुर के डायरेक्टर ओ.पी. यादव ने बताया कि इसकी खासियत यह है कि गर्मी में कम पानी में उत्पादन ज्यादा देते हैं. साथ ही तेज धूप व गर्मी से फल आकर्षक और जमुनी लाल कलर का दिखाई देने लगता है. जो खाने में स्वादिष्ट और मिठास देता है.खजूर फार्म में पैदावार को लेकर डॉक्टर धीरज सिंह देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि 8 से 10 वर्ष की आयु में एक पौधा 80 से 140 किलो खजूर की पैदावार लेता है. इस वर्ष तेज गर्मी की वजह से खजूर का उत्पादन कम हुआ है. तेज गर्मी व धूप से क्वालिटी काफी स्वादिष्ट होती है. प्रत्येक पौधे की 8x8 की दूरी में लगाया गया है. जिससे पौधा सुरक्षित रहता है.
डॉ धीरज सिंह ने बताया कि खजूर के पौधों में दूरी इसलिए रखी जाती है. जिससे कि वहां से ट्रैक्टर गुजर जाए, खाद, बीज, दवाईयो का छिड़काव समुचित मात्रा में धूप और वायु का परिवर्तन होना पौधे के लिए खास होता है. जिससे उनकी दूरी रखी जाती है. दूसरे ब्लॉक में 9 तरह की अलग-अलग किस्म की 160 पौधे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार पिछले साल की तुलना में खजूर की पैदावार कम होने के चलते इसकी मांग बड़ी है. बाजार में खजूर की कीमत सो से डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो भाव में बिकते थे.
इस बार तेज गर्मी व धूप से कम उत्पादन होने की वजह से बाजार में खजूर 160 रुपये से 240 रुपये किलो में बिक रहे है. उन्होंने कहा कि इस बार कम पैदावार का असर तेज गर्मी और धूप से हुआ है. लेकिन खजूर खाने में काफी स्वादिष्ट और लाजवाब है.
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