Rajasthan News: जोधपुर में डॉ. इम्तियाज की भूमिका हिंदी फिल्मों के सनकी विलेन से कम नहीं लग रही है. मामला अवैध रूप से भ्रूण परीक्षण करने का है. शुक्रवार को जयपुर की स्पेशल पीसीपीएनडीटी टीम के सदस्यों ने धर दबोचा. पकड़े जाने के बाद डॉक्टर की नई-नई कहानियां सामने आ रही हैं. कहावत है कि बच्चों में पिता से लक्षण आते हैं. ऐसे ही सनक के लक्षण इम्तियाज को पिता से मिले हैं. पिता डॉक्टर मोहम्मद नियाज भी लिंग परीक्षण करते हुए पकड़े जा चुके हैं. सनक के चलते उसने कई कोख बर्बाद कर दिए. लेकिन सच्ची कहानी का अंत अभी नहीं हुआ है. 


भगवान कहे जानेवाले डॉक्टर बने कोख के हत्यारे


डॉक्टर को भगवान कहा जाता है. पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर जीवन बचाने में उम्र गुजार देता है. लेकिन भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर अब कोख के हत्यारे भी बन चुके हैं. देश का पहला सनकी डॉक्टर इम्तियाज हिस्ट्रीशीटर घोषित किया जा चुका है. डॉक्टर इम्तियाज पांचवीं बार अवैध रूप से भ्रूण परीक्षण करते हुए पकड़ा गया है. पोर्टेबल डिवाइस की जांच और नंबर के मुताबिक अभी तक डॉक्टर इम्तियाज 1158 भ्रूण परीक्षण का चुका है. इम्तियाज को बचाने के लिए एक लीगल टीम ने काम भी शुरू कर दिया है.


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15 अगस्त के दिन पकड़े गए थे मोहम्मद नियाज
 
पीसीपीएनडीटी  टीम के सदस्यों ने बताया कि मोहम्मद इम्तियाज के पिता मोहम्मद नियाज का अस्पताल है. इम्तियाज के परिवार में एक बहन भी डॉक्टर हैं. डॉक्टर इम्तियाज के पिता डॉक्टर मोहम्मद नियाज भी तीन बार गर्भपात जैसे घिनौने कृत्य में पकड़े जा चुके हैं. उन्हें गर्भपात के लिए वसूली करते हुए साल 2012 ,2014 और 15 अगस्त 2016 में पकड़ा जा चुका है. तीन बार अरेस्ट करने के बाद सख्त कार्रवाई भी की गई थी. तब तक काले काम से डॉक्टर लाखों रुपया कमा चुके था. 
 
पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि 15 अगस्त 2016 को मोहम्मद नियाज को तीसरी बार पकड़ा गया. कुछ दिन की कार्रवाही और कुछ दिन जेल में रहने के बाद दोबारा बाहर आ गया और  काम से अपने हाथ खींच लिए तो उसके बाद उसके खिलाफ कोई बड़ी शिकायत सामने नहीं आई. मगर सिलसिला भी नहीं रुका और इस बीच कुछ और ही चलना शुरू हो गया. पिता ने हथियार डाले तो हथियार डॉक्टर बेटे इम्तियाज ने उठा लिए. 15 अगस्त को पिता की तीसरी गिरफ्तारी के महज 45 दिन बाद ही 7 अक्टूबर 2016 को डॉक्टर इम्तियाज पहली बार पकड़ में आए.


इम्तियाज को साथी के घर पर भ्रूण परीक्षण करते हुए पाया गया. घटना के वक्त डॉक्टर बालेसर सरकारी अस्पताल के इंचार्ज पद पर तैनात था. पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि रेड पड़ने के डर से डॉक्टर इम्तियाज कभी भी अस्पतालों में भ्रूण परीक्षण नहीं करता था. कई बार लिंग परीक्षण करते साथियों के घरों, होटलों, चलती गाड़ियों से पकड़ा भी जा चुका था. 


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