Jodhpur Panchmukhi Temple: 'संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरे हनुमत बलबीरा' ऐसी ही मान्यता है जोधपुर के इस प्राचीन पंचमुखी हनुमान मंदिर की. इस मंदिर की विशालकाय प्रतिमा के बारे में कहा जाता है कि यह स्वयंभू हैं और पंचमुखी हनुमान जी के दर पर जो भी मत्था टेक ले उसके सभी कष्ट व पीड़ा हनुमान जी हर लेते हैं. इस मंदिर में श्रद्धालु साल के 365 दिन आते हैं, साथ ही मंगलवार व शनिवार को श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा रहता है.
मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 100 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं. यह मंदिर जोधपुर के भीतरी क्षेत्र में स्थित है. यहां पर पहुंचने के लिए सकरी गलियों से गुजरना होगा. सकरी गलियों से गुजरते समय ब्लू सिटी का भी नजारा देखने को मिलेगा. इस मंदिर की स्थापना जोधपुर की स्थापना से पहले हुई थी. इस विशालकाय पंचमुखी हनुमान जी की विशाल प्रतिमा के पांव के नीचे पाताल की देवी की भी प्रतिमा है.
जोधपुर के पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रति लोगों की आस्था ऐसी है कि वह किसी भी बीमारी में हों या किसी भी उम्र में हों, वह मंदिर जरूर आते हैं और मंदिर आकर उन्हें ऐसी शांति मिलती है जैसे उन्होंने सब कुछ पा लिया हो. पंचमुखी हनुमान जी के मंदिर में हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाया जाता है, साथ ही पान का बीड़ा हनुमान जी को चढ़ाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि बीड़ा चढ़ाने से हनुमान जी जो भी श्रद्धालु आया है उसका बीड़ा (जिम्मेदारी) स्वयं उठा लेते हैं और उसका बेड़ा पार हो जाता है.
मंदिर के बारे में ये है मान्यता
हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार क्यों लिया था. इस अवतार को वामन अवतार भी कहा जाता है. इसके पीछे भी एक कहानी है जो धार्मिक ग्रंथों, रामायण व इतिहास में दर्ज है. भगवान श्री राम व रावण के बीच युद्ध चल रहा था, उस दौरान रावण का एक और भाई अहिरावण जो कि पाताल में निवास करता था, भगवान श्री राम व लक्ष्मण को उठा ले गया था. उस दौरान हनुमान जी मत्स्य रूप धारण कर पाताल में पहुंचे और भगवान श्री राम और लक्ष्मण को अहिरावण की कैद से छुड़ाया. अहिरावण के बारे में कहा जाता है कि पाताल में 5 दिए जल रहे थे, जब तक वह दिए जलते तब तक अहिरावण का कोई कुछ नहीं कर सकता था, इसलिए हनुमान जी ने पंचमुखी का अवतार लिया और एक साथ पांचों दीपक को बुझा दिया, उसके बाद अहिरावण का अंत कर विजय प्राप्त की.
दक्षिण मुखी पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने के लिए भी खास कारण है. धार्मिक ग्रंथों में पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन और पूजा के लिए बताया गया है और किसी भी तरह के संकट में दक्षिण मुखी पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने पर सारे संकट दूर हो जाते हैं, हनुमान चालीसा में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर आप बहुत अधिक संकट में हैं तो आप 8 मंगलवार हनुमान जी के दर्शन कर ले तो आपके सारे संकट दूर हो जाएंगे.
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