Rajasthan: 5 साल की पहल को इस टैलेंट के लिए मिला एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का मेडल, जानें क्या है बच्ची का ये खास हुनर
जोधपुर में कोरोना महामारी के लॉकडाउन में एक 5 साल की बच्ची पहल को, जो तूतलाते हुए बोलती है, योगा डांस, इंग्लिश गाने, हनुमान चालीसा याद हो गया है. साथ ही योगा के लिए बच्ची को अवार्ड मिला है.
Rajasthan News: कोरोना की महामारी व लॉकडाउन दुनिया से बहुत कुछ छीना है तो बहुत कुछ दिया भी है. इस आपदा के समय में कई लोगों ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए कई रिकॉर्ड भी बनाया है, तो कई लोगों ने अपने जीवन की शुरुआत भी की हैं. आपने कई बार सुना होगा कि अपने आप को या अपने बच्चे को खास बनाने के लिए कई लोग दिन रात मेहनत करते हैं, जिसके चलते वह बच्चे कई रिकॉर्ड भी बनाते हैं. ऐसे ही 5 साल की पहल ने योगाशन में महारथ हासिल की हैं. कोई भी यह देखकर हैरान रह जाता है कि 5 साल की बच्ची इतना कुछ कैसे कर लेती है.
लॉकडाउन के चलते बच्ची सीख गई योगा और हनुमान चालीसा
हम सब जानते हैं कि 5 साल के बच्चे स्कूल जाते हैं, जिन्हें बोलना भी पूरा नहीं आता. वो स्कूल जाकर अपनी पढ़ाई की शुरुआत करते हैं, लेकिन ऐसे कुछ एक मेधावी छोटे बच्चे होते हैं जो कि बचपन में ही बहुत कुछ सीख लेते हैं. कोरोना महामारी के लॉकडाउन में एक 5 साल की बच्ची पहल को, जो तूतलाते हुए बोलती है, योगा डांस, इंग्लिश गाने, हनुमान चालीसा व गीता का सार याद हो गया है. जब कभी भी लोग इससे पूछ लेते हैं तो तुरंत बोलना शुरू कर देती है. ऐसा करने के पीछे पहल के मम्मी-पापा ने लॉकडाउन के दौरान जब सब लोग घर में थे, उस दौरान बच्चों के साथ योगा और कई अन्य एक्टिविटीज किया करते थे, जिसके चलते पांच साल की पहल को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित 1 मिनट में 25 योगा पोजिशन करने पर किया गया है. पहल के इस टैलेंट के लिए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अप्लाई किया गया है. योगा के कठिन योगासन में लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहने का भी हुनर पहल में है.
घर के लोगों से सीखा ये टैलेंट
जोधपुर में रहने वाले जुगल किशोर लोहिया के बेटे अनुराग लोहिया व स्वाति लोहिया के दो बच्चे हैं. छोटी बेटी पहल लोहिया का जन्म 24 नवंबर 2016 को हुआ. जोधपुर की राजमाता स्कूल में केजी क्लास में एडमिशन दिलाया गया, लेकिन वह स्कूल नहीं जा पाई क्योंकि कोरोना के संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गया था. घर में रोजाना सुबह पूरे परिवार के लोग पूजा अर्चना करते हैं, उस दौरान बच्चे भी साथ रहते हैं तो गीता का सार, हनुमान चालीसा बोलना सीख गए. अनुराग लोहिया व स्वाति लोहिया योगासन करते हैं, उस दौरान बच्चों को साथ बिठाकर उनको भी सिखाना शुरू किया तो योग की करीब 30 कलाएं बच्चों ने सीखी, जिसे बच्चों ने अपने जीवन में ढाल लिया है.
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