Jodhpur News: गरीबों को आठ रुपए में मिलनेवाला इंदिरा रसोई का खाना (Indira Rasoi Food) अब विदेशी सैलानियों को भी भी पसंद आ रहा है. इन दिनों जोधपुर (Jodhpur) विदेशी सैलानियों से गुलजार है. जोधपुर में सभी पर्यटकों की पहली पसंद घंटाघर (Ghanta Ghar) होता है. घंटाघर क्षेत्र में संचालित होने वाली इंदिरा रसोई का स्वाद लेने विदेशी पर्यटक पहुंच जाते हैं. विदेशी सैलानी जानकर हैरान होते हैं कि मात्र आठ रुपए में कैसे भरपेट खाना मिलता है. उनके लिए इंदिरा रसोई जोधपुर का सरकारी रेस्टोरेंट है. घंटाघर क्षेत्र में हुकम सिंह इंदिरा रसोई संचालित करते हैं.


विदेशी सैलानियों ने चखा इंदिरा रसोई का स्वाद


उन्होंने बताया कि कल ऑस्ट्रेलिया के पर्यटक ओली और बीम भी पहुंच गए. ऑस्ट्रेलियाई सैलानी क्लॉक टावर देखने के लिए काफी देर तक घूमते रहे. घूमते-घूमते जोर से दोनों को भूख लगी. खाने के बारे में पता करने पर लोगों ने इंदिरा रसोई की तरफ इशारा कर दिया. इंदिरा रसोई पहुंचकर खाने का टोकन लिया और देखकर चौंक गए महज आठ रुपए प्रति व्यक्ति भर पेट खाना मिलता है. दोनों ने बताया कि इंदिरा रसोई का स्वाद चखकर बेहद खुशी हुई. कम दाम में बेहतरीन खाना मिला है.


दोनों ने मौजूद लोगों से योजना की जानकारी ली. दोनों ने कहा कि घंटाघर आने वाले प्रत्येक पर्यटक को एक बार इंदिरा रसोई जरूर आना चाहिए. नहीं आने पर बेहतरीन खाने के स्वाद को मिस करेंगे. इंदिरा रसोई में कंप्यूटर ऑपरेटर ने बताया कि पर्यटन सीजन शुरू होने के बाद से लगातार विदेशी पर्यटक आ रहे हैं और कम दाम जानकर उत्सुक होते हैं. विदेशी सैलानी कई सवाल करते हैं. उनका कहना होता है कि सरकार योजना को कैसे सफलतापूर्वक संचालित करती है.


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लोगों के लिए योजना का दायरा बढ़ाने का सुझाव


आमजन के लिए बेहतरीन योजना बताते हैं. साथ में सुझाव भी देते हैं कि इंदिरा रसोई योजना का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत कोरोना माहमारी के दौरान की थी. योजना का एक ही उद्देश्य था कि प्रदेश में कोई भूखा ना सोए. प्रदेश में योजना के तहत 1000 इंदिरा रसोई चल रही है. इंदिरा रसोई का खाना मात्र आठ रुपए  में भरपेट घर जैसा स्वादिष्ट खिलाया जाता है.