Jodhpur fruit kofta: राजस्थान के जोधपुर में इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. क्योंकि जोधपुर शहर के लोग खाने-पीने और पहनने के खास शौकीन माने जाते हैं. इसलिए सर्दियों में खास नाश्ता भी बनता है. सुबह-सुबह गरमा-गरम फ्रूट कोफ्ता, जो कि सर्दियों में ही मिलते हैं और एक ही दुकान पर बनाए जाते हैं, इसका लोग जमकर स्वाद ले रहे हैं. यह फ्रूट कोफ्ते खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए भी अच्छा होता है. कोफ्ते का नाम सुनते ही आपको लग रहा होगा कि यह तो हर जगह मिलता है और हर शादी विवाह में खाने में देखा जाता है, इसमें ऐसा क्या खास है?

 

आपको बता दें कि इसमें बहुत कुछ खास है. आपने कोफ्ते तो बहुत खाए होंगे, लेकिन फ्रूट कोफ्ता नहीं खाया होगा. यह फ्रूट कोफ्ता खासतौर से सर्दियों में जोधपुर में ही बनाया जाता है. इसे आपने एक बार खाया तो इसका स्वाद आप कभी भूल नहीं पाएंगे. फ्रूट कोफ्ता बनाने वाले राधेश्याम प्रजापत ने बताया कि हम इसे सर्दियों में ही बनाते हैं और जितने भी कोफ्ते बनते हैं, वह बिक जाते हैं. फ्रूट कोफ्ते खाने वाले इंतजार करते हैं कि कभी कोफ्ता बने और हम खाएं. इस कोफ्ते में सेव, पाइनेपल, चीकू ,अनार, अंगूर और आलू को मिर्च-मसाले और गर्म मसालों में मिलाकर छोटे-छोटे लड्डू की तरह बनाकर उसे बेसन के घोल में डालते हैं.

 

सैलानियों को भी आता है खूब पसंद

 

इसके बाद खौलते हुए तेल में तला जाता है. जोधपुर आने वाले सैलानी भी इसे बड़े चाव से खाते हैं और कई लोगों का सुबह का नाश्ता इसी कोफ्ते के साथ होता है. यहां जब भी कोई मेहमान आता है तो मेजबान उसे कोफ्ता खिला देते हैं. जब कभी मेहमान का दिल करता है तो वह फोन करके अपने मिलने वाले को बोलता है कि मेरे लिए 5-10 कोफ्ते लेकर आ जाना और जो कोफ्ते लेकर जाता है, उसके लिए मुसीबत यह है कि वह उससे रुपए नहीं मांग सकता है. ऐसे में यह उनके लिए घाटे का सबब बन रहा है.

 

महिलाओं को मिल रहा रोजगार

 

इस दुकान की खास बात यह है कि दुकान के मालिक दुकान पर नहीं बैठते हैं. उनके द्वारा लगाए गए कर्मचारी दुकान को संभालते हैं. एक महिला संगीता राजपूत को दुकान के काउंटर पर लगाया गया है, जिसे 12,000 रुपये महीना मिलता है. ऐसी ही कई महिलाओं को इसके माध्यम से रोजगार भी मिल रहा है.

 

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