Rajasthan News: देश के लिए बड़े गौरव की बात है कि G-20 सम्मेलन में 20 देशों की मेजबानी भारत कर रहा हैं. भारत सरकार का श्रम और रोजगार मंत्रालय इस सम्मेलन का नेतृत्व कर रहा है. इसी के तहत G-20 सम्मेलन की पहली बैठक आज जोधपुर (Jodhpur) के होटल ताजहरी महल में हुई. G-20 सम्मेलन में एंप्लॉयमेंट वर्किंग ग्रुप के पैनल का डिस्कशन हुआ. इसमें श्रम रोजगार और सामाजिक मुद्दों पर मंथन किया गया. पूरे विश्व के विकसित व विकासशील देश स्किल्ड लेबर की कमी से जूझ रहे हैं. वहीं भारत में सबसे ज्यादा युवा वर्ग फोर्स उपलब्ध है. इन युवाओं को अलग-अलग हुनर स्किल डेवलप करके पूरे विश्व में उपयोग किया जा सकता है.  G-20 के अध्यक्षता करने का भारत को यह सबसे बड़ा फायदा होगा


श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव आईएएस आरती आहूजा ने बताया कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा यंग है. भारत में यंग वर्कफोर्स मौजूद है यदि उनको पूरी तरह से स्किल में कन्वर्ट कर दिया जाए तो देश की जीडीपी 6.5% से ज्यादा बढ़ सकती है. G-20 सम्मेलन में सभी देश एक ऐसा फ्रेमवर्क भी बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिनमें एक जैसी स्किल इन सभी देशों में युवाओं को दी जा सके.


G20 सम्मेलन में जानिए इन बिंदुओं पर खास चर्चा होगी



  • कौशल की कमी और बेमेल और वैश्विक रुझान पर चर्चा की गई.

  • कौशल की कमी को दूर करने के साधनों पर विचार विमर्श किया गया. वैश्विक कौशल और योग्यता के तालमेल के लिए एक सहयोगी रोडमैप का विकास किया जाना जरूरी है.

  • पैनलिस्ट के विविध नजरिए और विशेषज्ञता ने कौशल और योग्यता के तालमेल के प्रयासों की वर्तमान स्थिति का अवलोकन किया.


ये लोग हुए शामिल
वहीं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने इस चर्चा की अध्यक्षता और संचालन किया. पैनल में संबंधित क्षेत्रों के प्रमुख नेता शामिल थे, जिनमें इंडोनेशिया गणराज्य के जनशक्ति मंत्रालय के योग्यता, मानकीकरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक मुत्तर अज़ीस, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के रोजगार, श्रम और सामाजिक मामलों के निदेशक स्टेफानो स्कारपेट्टा, नेशनल एजुकेशन टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष अनिल डी. सहस्रबुद्धे, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) में कौशल और रोजगार विशेषज्ञ क्रिस्टीन हॉफमैन और टीमलीज के उपाध्यक्ष मनीष सभरवाल प्रमुख हैं.


इन मुद्दों पर हुई चर्चा
चर्चा में G-20 देशों, मेहमान देशों, अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठनों और अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. केंद्र और राज्य सरकार की कई एजेंसियों के अधिकारियों, उद्योग निकायों, शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों और लेबर-20 एंगेजमेंट ग्रुप के अध्यक्ष ने भी इसमें भाग लिया. पैनल चर्चा कौशल की कमी, अधिशेष और बेमेल कौशल के वैश्विक रुझानों पर केंद्रित थी और उसमें इन से पार पाने के साधनों पर विचार-विमर्श किया गया. साथ ही वैश्विक कौशल और योग्यता के सामंजस्य के लिए एक सहयोगी रोड मैप का तैयार करने की बात हुई. 



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