Jodhpur News: गाय का गोबर फसल के लिए बेहद उपयोगी होता है. यह बात अब तीन मुस्लिम देशों के रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों सहित दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने भी मानी है. सऊदी अरब, कुवैत और कतर के वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे फसल बेहतर किस्म की पैदा होती है. यही वजह है कि कई देश भारत से देशी गाय का गोबर मंगवाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
मुस्लिम देशों की मांग पर राजस्थान की प्रमुख गोशालाओं से गाय का गोबर सभी देशों में भेजा जाएगा. इस काम की शुरुआत कुवैत से हो रही हैं. बुधवार को जयपुर के कनकपुरा रेलवे स्टेशन से 192 टन गोबर की पहली खेप मुंबई के लिए रवाना होगी और फिर गोबर वहां से कुवैत भेजा जाएगा. कुवैत में गोबर जयपुर के पिंजरापोल गोशाला से भेजा जाएगा.
वैज्ञानिको ने देशी गाय के गोबर पर किया शोध
कुवैत के कृषि के क्षेत्र में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिको ने देशी गाय के गोबर पर शोध किया है. गोबर को पाउडर के रूप में खजूर की फसल में इस्तेमाल करने से फसल अच्छी होती है. पिंजरापोल गोशाला की गायों का गोबर जयपुर की कंपनी सनराइज एग्रीलैंड एंड डवलपमेंट रिसर्च लिमिटेड के माध्यम से कुवैत भेजा जा रहा है.
ड्राइव गोबर 30 से 50 रुपए किलो बिक रहा
कंपनी डायरेक्टर अतुल गुप्ता ने बताया कि हम लोग जैविक खेती पर काम कर रहे हैं. साथ ही राजस्थान को जैविक प्रदेश घोषित करने की मांग भी लगातार चल रही हैं. राजस्थान में 3000 से भी अधिक गौशाला है जहां पर एक करोड़ गायें रहती हैं. गोबर की कीमत 50 पैसे किलो भी नहीं है लेकिन जिस तरह से खाड़ी देशों में इसका रुझान बढ़ा है तो राज्य सरकार का गोपालक विभाग भी डायरेक्ट एमओयू करें. खाड़ी देशों में जाने वाला ड्राइव गोबर 30 से 50 रुपए किलो बिक रहा है. यह एक बहुत महत्वपूर्ण क्रांति है जिससे कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.
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