Jodhpur Gramin News Today: राजस्थान में बाल विवाह कुप्रथा पर रोकथाम के लिए लगातार केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रही हैं. बाल विवाह पर रोकथाम के लिए जोधपुर ग्रामीण जिले में व्यापक स्तर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की गई है. इसके लिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सहित सभी संबंधित अधिकारियों विभागों और संस्थाओं को बाल विवाह रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. 


जोधपुर जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट गौरव अग्रवाल ने आदेश जारी कर अक्षय तृतीया और पूर्णिमा के त्योहार के दौरान बाल विवाह रोकने के संबंध में त्वरित कार्रवाई करने के लिए उपयांत्रिक नागरिक सुरक्षा कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. यह नियंत्रण कक्ष 4 मई 2024 से 4 जून 2024 तक 24 घंटे कार्यशील रहेगा. इसके दूरभाष नंबर 0291-2650349, 2650350 है.


बाल विवाह की रोकथाम के लिए सतर्कता दल गठित
जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम और तहसील स्तरीय समिति सतर्कता दलों का गठन किया गया है. साथ ही जिले में विभिन्न स्तरों पर समितियां का गठन किया गया है. इनमें ग्राम स्तरीय समिति में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, बीट कांस्टेबल शामिल किए गए हैं. 


दल में ये रहेंगे शामिल
इसी प्रकार पंचायत समिति, तहसील स्तरीय समिति में संबंधित तहसीलदार, प्रधान विकास अधिकारी व एक थानाधिकारी को शामिल किया गया है. उनके साथ ही सतर्कता दल का गटन किया गया है. इसमें जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला प्रमुख, संबंधित उपखंड अधिकारी संबंधित, वृत्त अधिकारी महिला अधिकारिकता विभाग के उपनिदेशक और महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी सम्मिलित हैं. 


साथ ही आदेश के तहत यह समस्त समितियों का दल बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम में तहसील स्तर पर पद स्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों की अधिकारी, थानाधिकारी, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, महिला अधिकारिकता तथा बाल अधिकारिता विभाग के परियोजनाओं अधिकारियों पर्यवेक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग के अध्यापकों एवं नगर परिषद, नगर पालिका के कर्मचारी जिला परिषद, समस्त पंचायत समिति सदस्यों सरपंचों और वार्ड पंचों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान का व्यापक प्रचार प्रसार का कार्य सुनिश्चित करेगी.


जिला कलेक्टर ने क्या कहा?
जोधपुर ग्रामीण जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि बाल विवाह करवाना बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है. इस अधिनियम के अनुसार विवाह योग्य लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनी जरूरी है. 


उन्होंने अक्षय तृतीया के मौके पर होने वाले बाल विवाह के आयोजन की प्रभावी रोकथाम, बाल विवाह से उत्पन्न बालक बालिकाओं के स्वास्थ्य को होने वाले खतरे की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग जोधपुर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.


दूल्हा-दुल्हन का उम्र दर्शाना जरुरी
जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 अंतर्गत शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है. इसके अनुसार मुद्रण कार्य करने वाले समस्त व्यक्तियों को निर्देशित किया गया है कि विवाह के निमंत्रण पत्रों में वर वधु की आयु संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त का दर्शाना होगा.


इसके अलावा निमंत्रण पत्रों की एक प्रति संबंधित मजिस्ट्रेट और अन्य शासकीय अधिकारियों को निरीक्षण के समय उपलब्ध कराना होगा. जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए पंजीकृत जोड़ो और वधुओं की जन्मतिथि को संबंधित अधिकारी को सामूहिक विवाह आयोजन की तारीख से 7 दिन पहले दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.


यहां से 24 घंटे संचालित होंगे नियंत्रण कक्ष
जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण पुलिस, उपायुक्त पूर्व पश्चिम जोधपुर महानगर, महिला आयोग बाल विकास विभाग और जोधपुर ग्रामीण के उपनिदेशक स्तर सहित सभी जिलों के सभी उपखंड मजिस्ट्रेट कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर 24 घंटे क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण पुलिस उपयुक्त (पूर्व -पश्चिम) जोधपुर महानगर के अधिनियम सस्थानों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्देश दिया गया है.


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