Antarrashtriya Arya Mahasammelan In Jodhpur: जोधपुर (Jodhpur) में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन (ntarrashtriya Arya Mahasammelan) की शुरुआत हुई. यह आयोजन महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वीं जन्म जयंती समारोह को लेकर किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश-विदेश से कई संत पर महंत हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं. झारखंड के हरिहर आर्य (Harihar Arya) इनमें से ही एक हैं. हरिहर आर्य ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए बताया कि उनकी हाइट 3 फीट की है. 


उन्होंने बताया कि इस कद की वजह से मुझे कई ताने सुनने को मिलते थे. तानों ने परेशान कर दिया था. इस वजह से मुझे स्कूल जाने से भी डर लगता था. कई बार सोचा आत्महत्या कर लेता हूं, लेकिन इसी हाइट की वजह से मुझे पहचान मिली है. मैं 40 आदिवासी परिवार को दोबारा हिंदू धर्म में लाने में कामयाब हुआ. जिनका झूठा चमत्कार दिखातक धर्मांतरण किया गया था.


5-7 दोस्तों के साथ मिलकर की थी शुरूआत
हरिहर आर्य ने बताया कि मैं झारखंड के ऐसे इलाके में रहता हूं, जहां से गायों की तस्करी बड़ी तादाद में की जाती है. गायों को काटने के लिए बांग्लादेश के कत्लखाने ले जाया जाता था. गायों को तस्करों से छुड़वाने के लिए मैनें अपने 5-7 दोस्तों के साथ मिलकर एक मुहिम की शुरूआत की थी. इस मुहिम के जरिए हम आज तक पांच हजार गोवंश को कत्लखाने जाने से बचाने में कामयाब हुए हैं. झारखंड सरकार भी अब गौ तस्करी पर सख्त हो गई है. सरकार भी गौ अब तस्करों पर लगातार कार्रवाई कर रही हैं.


आदिवासियों को देते हैं धर्म परिवर्तन का लालच
हरिहर आर्य ने बताया कि मैं जिस इलाके में रहता हूं, वहां आदिवासी बड़ी संख्या में रहते हैं. वहां आदिवासियों के धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आते रहते हैं. लालच देकर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया जाता है. साथ ही झूठा चमत्कार दिखाकर अपने धर्म के प्रति लोगों को आकर्षित करते हैं. विपत्र को हनुमान का प्रतीक और लकड़ी को ईश का प्रतीक बताकर उसे पानी में डालते हैं और आदिवासियों को बताते हैं कि, विश्व में इतनी ताकत है. वो आदिवासियों को बताते हैं कि जिस धर्म में ताकत है उसको अपना लोगे तो वोअपनी ताकत से तुम्हें हर परेशानी से निकालेगा.


40 परिवारों को दोबारा हिंदू धर्म में वापस लाए
हरिहर आर्य ने बताया कि जब हमें इस बारे में पता चला कि झारखंड के आसपास के आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है, तो हम वहां पहुंचे और आदिवासियों से मिलकर उन्हें मंत्रोचार की शक्ति और पौराणिक कथाओं के साथ अपने इतिहास के बारे में बताया. साथ ही उन्हें बताया कि उन लोगों को झूठा फंसाया गया है. इस तरह हम करीब 40 परिवारों को दोबारा हिंदू धर्म में वापस लाए. अब हालात यह है कि उस इलाके में लोग यज्ञ करना भी सीख गए हैं.


हरिहर आर्य ने बताया कि मैंने 2010 में ग्रेजुएशन पूरी कर ली. कॉलेज में आने के बाद मुझे लगा कि समाज सेवा से जुड़ना चाहिए. इसके बाद मैंने समाज सेवा का काम भी शुरू कर दिया,  गांव के गुरु (ब्राह्मण)  मुझे गौ सेवा करने के लिए कहा. इसके बाद मैं और मोटिवेट हो गया. अब समाज सेवा ही मेरे जीवन लक्ष्य बन गया है.


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