Udaipur News: 6 महीने से पति के अंतिम संस्कार की आशा लगाए थी पत्नी आशा, अब कब्र से निकाला जाएगा शव
रूस की सरकार मॉस्को में दफनाए गए राजस्थान मूल के निवासी हितेंद्र गरासिया के शव को कब्र से निकालने को राजी हो गई है. वे वर्क वीजा पर गए थे और वहां एक पार्क में मृत पाए गए.
Udaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत से एक अहम जानकारी सामने आई है. मामला विदेश से जुड़े होने के साथ संवेदनाओं से भरा था जिसके चलते इसकी खबर आग की तरह फैल गई. कोर्ट ने यह बताया कि रूस की सरकार मॉस्को में दफनाए गए राजस्थान मूल के निवासी हितेंद्र गरासिया के शव को कब्र से निकालने को राजी हो गई है. वे वर्क वीजा पर गए थे और वहां एक पार्क में मृत पाए गए. जस्टिस दिनेश मेहता ने निर्देश दिए कि रूस सरकार से शव मिलने के बाद केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार व्यवस्था करे कि जल्द से जल्द शव परिजनों के पास गांव पहुंचा दिया जाए.
पिछले साल जुलाई में मॉस्को में मृत पाए गए थे
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने भारतीय दूतावास को प्राप्त हुए रूसी सरकार के पत्राचार का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि रूस में शीतकालीन अवकाश के कारण शव अधिकृत अधिकारी को नहीं सौंपा जा सकता. हितेंद्र गरासिया पिछले साल जुलाई में मॉस्को में एक पार्क में मृत पाए गए थे. सरकार ने शव को वहीं दफनाने का फैसला किया. ऐसे में मृतक के परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार के लिए शव भारत लाने की व्यवस्था करने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी.
अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहा परिवार
रूस देश 17 जुलाई 21 को रूस में जान गंवाने वाले उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के हितेंद्र गरासिया के शव को रशियन सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए भारत भेजने से मना कर दिया था. लगभग 150 दिन से हितेंद्र के आखिरी दर्शन और अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे परिवार का दुख दोगुना हो गया है. रूस में एक हादसे में अपने पति की मौत के बाद चार माह से अपने मृतक पति के अंतिम दर्शन की आशा में उदयपुर के आदिवासी गांव गोडवा इलाके में रहने वाली पत्नी आशा ने राजस्थान उच्च न्यायलय में एक याचिका पेश कर पति के शव को भारत लाने की गुहार लगाई थी.
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