DRDO के साथ रिसर्च करेंगे IIT जोधपुर के छात्र, राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर
Rajasthan: इस सहमति करार के बाद भारत रक्षा के क्षेत्र आत्मनिर्भर होकर विकास कर सकेगा. इस करार के बाद ऐसा माना जा रहा है कि IIT जोधपुर और उद्योग जगत के बीच मजबूत संबंध बनेगा.
IIT Jodhpur News: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जोधपुर ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ एक सहमति करार कर एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत आईआईटी जोधपुर में डीआरडीओ-इंडस्ट्री-एकेडेमिया उत्कृष्टता का केंद्र (डीआईए-सीओई, आईआईटी जोधपुर) स्थापित किया जाएगा. गांधीनगर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की मौजूदगी में प्रोफेसर शांतनु चौधरी, निदेशक, आईआईटी जोधपुर और डीआरडीओ गांधीनगर के सचिव ने सहमति करार किए.
सहमति करार से मजबूत संबंध बनेगा
आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो शांतनु चौधरी ने बताया कि इस सहमति करार से आईआईटी जोधपुर और उद्योग जगत के बीच मजबूत संबंध बनेगा. इसके तहत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रौद्योगिकी का विकास किया जाएगा. यह केवल वर्तमान भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए भावी प्रौद्योगिकियों के विकास में सहायक होगा जो आधुनिक युद्धक्षेत्र की व्यावहारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रेरित होगा.
डीआरडीओ के अनुदान से स्थापित आईआईटी जोधपुर में उत्कृष्टता का केंद्र दोनों संगठनों के सहयोग से निर्धारित कार्य क्षेत्रों का अनुसंधान करेगा. डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के सहयोग और फिर उद्योग जगत और अन्य शैक्षिक अनुसंधान संस्थानों के साथ मिल कर आईआईटी जोधपुर के फैकल्टी और छात्र शोध करेंगे. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यक्षेत्रों में लक्षित अनुसंधान किए जाएंगे. डेजर्ट वेलफेयर टेक्नोलॉजीज, फ्यूचरिस्टिक ओमनी मोबिलिटी सिस्टम्स, इन्फॉर्मेशन और वारगेमिंग टेक्नोलॉजी़ के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, के साथ ही यह सेंटर डीआरडीओ के निर्धारित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पहलों पर भी कार्य करेगा.
DRDO के सामने सबसे अच्छा विकल्प बना जोधपुर IIT
आईआईटी जोधपुर विभिन्न रणनीति और युद्ध कौशल से सीधे जुड़े कई डोमेन में विशेषज्ञता रखता है. जैसे कि डेजर्ट ऑपरेशंस के लिए टेक्नोलॉजीज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मोबिलिटी, स्वदेशी और विशिष्ट प्रौद्योगिकयों के विकास में उपयोगी रोबोटिक्स.
ये वारगेमिंग, सूचना युद्ध और फ्युचरिस्टिक ओमनी मोबिलिटी सिस्टम जो जमीन, हवा और पानी जैसे विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में कार्य करने में सक्षम हैं. आईआईटी जोधपुर अपने इन गुणों की वजह से सीओई की स्थापना के लिए डीआरडीओ के सामने सबसे अच्छा विकल्प बन गया.
डीआईए-सीओई, आईआईटी जोधपुर के प्रमुख एक निदेशक होंगे. निदेशक की नियुक्ति सेंटर का एक शासी निकाय करेगा जिसके अध्यक्ष डीआरडीओ के अध्यक्ष होंगे और आईआईटी जोधपुर के निदेशक सह-अध्यक्ष होंगे. शासी निकाय के सदस्य आईआईटी जोधपुर के निदेशक के नामित वरिष्ठ शिक्षाविद, आईआईटी जोधपुर के डीन (शोध एवं विकास) और रजिस्ट्रार होंगे. अनुसंधान सलाहकार बोर्ड में आईआईटी जोधपुर के सदस्य भी होंगे.
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