Rajasthan: 'पधारो आईआईटी ओपन हाउस' में उमड़ा जनसैलाब, जानें- क्यों खास है यह कार्यक्रम
Jodhpur News: आईआईटी जोधपुर की ओर से साइंस के प्रति जागरूकता के लिए चलाए गए पधारो आईआईटी ओपन हाउस युवा बच्चों के लिए एक प्रेरणा साबित हो रहा है. यह एक तरह का नया कदम है.
Rajasthan News: जोधपुर आईआईटी की ओर से शहरवासियों व साइंस के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के लिए खास तैयारियां करते हुए पधारो आईआईटी ओपन हाउस की शुरुआत की है. इस आयोजन के लिए कई स्कूलों के बच्चे वह सरकारी कर्मचारी पहुंचे. परिसर में पहुंचने के बाद बच्चों ने सुपर कंप्यूटर, रोबोटिक साइंस, फ्लाइंग ड्रोन, बायोलॉजिकल लैबोरेट्रीज और लेक्चर सेशन में भाग लिया. बच्चों और परिजनों में काफी उत्साह देखा गया.
आईआईटी जोधपुर की ओर से साइंस के प्रति जागरूकता के लिए चलाए गए पधारो आईआईटी ओपन हाउस युवा बच्चों के लिए एक प्रेरणा साबित हो रहा है, जो बच्चे आगे चलकर आईआईटी जैसे परीक्षा में भाग लेंगे, वहीं उनके सपनों के कॉलेज के कैसे होते और किस तरह की लैब होती है, यह देखने पहला मौका मिला है. आईआईटी जोधपुर का कैम्पस कई मायनों में हटकर तैयार किया गया विश्वस्तरीय मापदण्डों पर बना यह पहला अनूठा कैम्पस होगा. अब तक देश के किसी भी कैंपस में इस तरह की तकनीक इस्तेमाल नहीं की गई है. कैम्पस दूर से देखने पर खेल स्टेडियम नजर आता है. पास आने पर चारों तरफ सीमेंट के पाइप ही पाइप नजर आते हैं.
जानिए एक नजर में आईआईटी की खूबियां
1. जोधपुरी पत्थर का इस्तेमाल भवन के भीतरी हिस्से में चारों तरफ निर्माण के लिए जोधपुरी पत्थर काम में लिया गया है. इस पत्थर पर नकाशी भी की गई है.
2. आईआईटी कैंपस में करीब 4 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई गई हैं इस सुरंग में बिजली पानी व टेलीफोन लाइनें इसी सुरंग में से डाली गई हैं. सुरंग में स्कूटर या बाइक लेकर घूमा जा सकता है और सर्विस लाइन में कहीं कोई परेशानी होने पर उसे ठीक भी किया जा सकता है. सुरंग में हवा के प्रवाह के लिए ऊपर मंदिरनुमा कमरे बनाए गए हैं.
3. राजस्थान में चलने वाली धूलभरी आंधियों को ध्यान में रखकर कैंपस के निर्माण में विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
4. 852 एकड़ जमीन का दायरा
5. 24 किलोमीटर दूर है जोधपुर शहर से
6. 16 अप्रेल 2013 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमएम पलमराजू ने रखी थी आधारशिला
7. कई वर्ष से चल रहा निर्माण- 182 एकड़ जमीन पर बनेगा टेक्नोलॉजी पार्क