Jodhpur Food Lab: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर सख्ती करते नजर आ रहे हैं. प्रदेश भर में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत जोधपुर संभाग में 427 सैंपल फूड एक्ट के तहत लिए गए. इसमें मिठाई, घी, मसाले, तेल, दूध और दूध से बनने वाले पदार्थों और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है.


खाद्य प्रयोगशाला को बनाया गया हाईटेक
 
दिन प्रतिदिन फूड इंस्पेक्टर के जरिए मिलावट के संदेह पर खाने-पीने की चीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से जयपुर, जोधपुर और उदयपुर की खाद्य प्रयोगशाला को हाईटेक करने के लिए खास मशीनें लगवाई गई हैं.


चलाया जा रहा है शुद्ध के लिए युद्ध अभियान 


जोधपुर की खाद्य सुरक्षा और मानक प्रयोगशाला राजस्थान फूड एनालिसिसट डॉ. रेनू शर्मा ने बताया कि शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू चल रहा है. जो कि 31 मार्च 2022 तक चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत और फूड सेफ्टी एक्ट के तहत आने वाले सैंपल की रिपोर्ट 14 दिन के भीतर विभाग को मिल जाती है. 


आम नागरिक भी करवा सकते हैं सैंपल की जांच


इस लैब में आम नागरिक भी किसी भी तरह के सैंपल की जांच करवा सकता है. उसको एक एप्लीकेशन के साथ ₹1000 की रसीद कटवानी होगी. उसके बाद उस सैंपल की जांच की जाएगी और उसकी रिपोर्ट उस व्यक्ति को दी जाएगी. लेकिन उसकी कोई समय सीमा नहीं है. इस शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के दौरान आज दिन तक 427 सैंपल लिए गए. इस सैंपल में से 200 के करीब सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है. इस जांच रिपोर्ट में 33 फीसदी सैंपल मिलावटी पाए गए हैं. सैंपल में घी, तेल और मसाले खास तौर से शामिल हैं. जिनके सैंपल में मिलावट अधिक मिल रही हैं.


अब बच नहीं पाएंगे मिलावटखोर


मिलावटखोरी अधिकतर घी, तेल और मसालों में पाई जाती है. घी में आरएम और बीआर के मानक के आधार पर घी के सैंपल की जांच की जाती थी. दीपावली से पहले सैंपल की रिपोर्ट 25 फीसदी मिलावटी पाए जाते थे. घी के अंदर आरएम और बीआर को लेकर मिलावट खोर होशियार हो गए थे. जिसके चलते उसे पकड़ना मुश्किल था. अब लैब अपडेट हो चुकी है. अब गैस क्रोमेटोग्राफीक टेस्ट  हो रहे हैं. अब 70 फीसदी तक सैंपल मिलावटी मिल रहे हैं. अब इस टेस्ट से घी में अन्य मिलावटी पदार्थों का पता लगाया जा रहा है. जैसे कि घी के अंदर पाम ऑयल, वनस्पति ऑइल या अन्य कोई तेल से घी को तैयार किया गया है उसे भी अब पकड़ा जा रहा है. जिसके कारण मिलावट के सैंपलों में बढ़ोतरी हुई है.


क्या है शुद्धता का मानक?


मस्टर्ड ऑयल (सरसो की कच्ची घाणी) 40 सेंटीग्रेड पर 58.02 से 60.05 इस मानक शुद्ध.


रिफाइंड सोयाबीन ऑयल (सोयाबीन तेल) 40 डिग्री सेंटीग्रेड पर 58.05 से 68.00 का मानक शुद्ध. 


ग्रॉउंडनेट ऑयल (मूंगफली तेल ) 40 डिग्री सेंटीग्रेड पर 54.00 से 57.01 का मानक शुद्ध होता है. 


बीआर इससे कम या ज्यादा होने से मिलावटी की श्रेणी में आता है.


हर कोई सही मायने में घी को इसलिए खाते हैं कि वह अपना इम्यूनिटी सिस्टम बढ़िया बना सके. लेकिन उस घी में कई तरह की मिलावट आ रही है. यह आम आदमी से धोखा हो रहा है. अब इसको रोकने के लिए जोधपुर लैब में कई मशीनें उपलब्ध हैं. जिससे मिलावटी घी को पकड़ा जा रहा है. लैब की रिपोर्ट में सामने आया है की शुद्ध देसी घी के नाम पर मिलावटी घी बाजार में उपलब्ध है. कुछ व्यापारी मुनाफाखोरी करने के लिए आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. खुद के फायदे के लिए मिलावटी घी तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं जिससे मिलावटखोरों को अधिक मुनाफा होता है.


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