Rajasthan News: राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जयपुर (Jaipur) के नवनियुक्त चैयरमेन जस्टिस देवेन्द्र कच्छावा का गुरूवार को यहां पहुंचने पर उपभोक्ता आयोग परिसर में भावभीना स्वागत किया गया. राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जस्टिस कच्छावा के राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष नियुक्त होकर जोधपुर (Jodhpur) पहुंचने पर आयोग परिसर में जिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुंदर लाटा, चंद्रकला जैन और सदस्यगण आनंदसिंह सोलंकी, राजाराम सर्राफ, अफसाना ने साफा और गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया.
कहा- मेरी प्राथमिकता उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिले
राज्य उपभोक्ता आयोग चैयरमेन जस्टिस देवेन्द्र कच्छावा ने कहा कि मेरी प्राथमिकता उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिले. अभी ही मैंने अपना पदभार संभाला है मेरे सामने उपभोक्ताओं के 2013-14 के मामले पेंडिंग है और भी कई मामले पेंडिंग हैं. इतना समय उपभोक्ता को न्याय मिलने में नहीं लगना चाहिए. जल्द से जल्द उपभोक्ताओं को न्याय मिले उन मुद्दों पर काम करना है. उन्होंने जल्द न्याय मिले इसके लिए बैठकों की संख्या बढ़ाई जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्थाई बैंक बनाने की स्थिति पेंडिंग में है उसको भी जल्द से जल्द विस्तार किया जाएगा.
जस्टिस देवेंद्र कच्छावा ने कहा कि न्याय में देरी का एक कारण यह भी है कि सर्किट बेंच की मीटिंग होती है. कई बार उपभोक्ता मंच के अधिकारी मौजूद नहीं रहते हैं. उन्होंने कहा कि सिटिंग को बढ़ाया जाए साथ ही वकीलों से बैठ कर बात करके उनको कहा जाए कि अपने केस की पूरी तैयारी करके आये. तकि जल्द से जल्द सुनवाई पूरी कर उपभोक्ताओं को न्याय दिया जा सके
सपोर्टिंग स्टाफ की कमी को लेकर ये बात कही
जस्टिस देवेंद्र ने आगे कहा कि समान समय में भर्तियां पेंडिंग है. इसे विस्तार पूर्वक राज्य सरकार को करना है. जल्द ही इंटरव्यू हो जाएंगे और सभी जगह आयोग के अध्यक्ष उपलब्ध होंगे. उन्होंने सपोर्टिंग स्टाफ की कमी को लेकर राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई करने की बात कही. उपभोक्ताओं को जल्द न्याय मिले इसलिए स्थाई सिटी की मांग पिछले लंबे समय से की जा रही है. यह मामला प्रक्रियाधीन है, बहुत जल्द ही स्थाई सेटिंग शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी 2 सप्ताह की शूटिंग हो रही है, उसे बढ़ाकर 3 सप्ताह कर रहे हैं. साथ ही आम उपभोक्ताओं में जागरूकता के लिए प्रचार प्रसार को लेकर कैंप भी चलाए जा रहे हैं. जिससे उपभोक्ता न्याय के लिए सीधा हमारे समक्ष पहुंच जाए उसे जल्द न्याय मिल जाए.
उन्होंने कहा कि अब आम आदमी खुद ही एक प्रार्थना पत्र लिखकर उपभोक्ता आयोग पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. ऐसे में वकील की जरूरत नहीं है. उपभोक्ताओं एक साधारण एप्लीकेशन लिख कर पेश कर सकता है और उस पर सुनवाई करते हुए आयोग अपना फैसला भी देता है. उन्होंने कहा कि वकील करना उन लोगों के लिए जरूरी है जो लोग अपनी बात सही ढंग से नहीं रख पाते हैं. उनकी बात वकील कानूनी अमलीजामा पहनाकर कोर्ट के सामने रखते हैं जिससे न्याय मिलने में आसानी रहती है.
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