Jodhpur Leopard in Public Area: जोधपुर में लेपर्ड की वजह से दो दिनों तक दहशत पसरी रही. लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था. दरअसल, खाने और सुरक्षित स्थान की तलाश में जंगलों से भटक कर लेपर्ड रिहाइशी क्षेत्र में आ गया लेपर्ड के आने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.


सेतरावा के पास माइंस से पकड़ कर लेपर्ड को कुंभलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में छोड़ा गया. पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में लेपर्ड मिलने की घटना पहली नहीं है. इससे पहले भी लेपर्ड का रेस्क्यू किया जा चुका है. रिहाइशी क्षेत्र में लेपर्ड पहुंचने की घटनाओं से ग्रामीण वासियों के बीच दहशत फैल गई है.


जंगल से भटककर रिहाइशी क्षेत्र में पहुंचा लेपर्ड


संदीप कुमार छलानी उप वन संरक्षक वन्यजीव जोधपुर के निर्देशानुसार रेस्क्यू कर लेपर्ड को प्राकृतिक वास कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण में छोड़ा दिया गया है. उसके पुनर्वास के लिए प्राकृतिक वास कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण सबसे अच्छा है. वन जीव रेंज देसूरी, वन्यजीव उड़नदस्ता की टीम के बंसीलाल सहायक वनपाल, ताराराम सीरवी वनरक्षक, बंसीलाल सांखला शूटर, भगवान सिंह इंदा, कैलाश दान चारण, उमेद राम वाहन चालक और गंगा सिंह कैपिटल गार्ड ने लेपर्ड का रेस्क्यू किया.


सेतरावा देचू क्षेत्र में कुछ समय से हलचल बढी


उप वनरक्षक संजय छलानी ने बताया कि कई बार रास्ता भटक कर नेचुरल हैबिटेट से लेपर्ड रिहाइशी क्षेत्र में आते हैं. ग्रामीण क्षेत्र का बंद माइंस लेपर्ड को सुरक्षा प्रदान करता है. इसलिए कुछ दिन खाली पड़ी माइंस में भी वास बनाते हैं. जोधपुर जिले के सेतरावा देचू क्षेत्र में कुछ समय से लेपर्ड की हलचल बढ़ रही है. उसकी वजह से ग्रामीण वासी दहशत में हैं. सरसों की फसल के बीच से निकल कर एक लेपर्ड ने किसान पर हमला किया था. इससे पहले जैसलमेर जिले की सीमा से सटे गांवों में लेपर्ड का रेस्क्यू किया जा चुका है. अब उसी क्षेत्र के सेतरावा की माइंस में लेपर्ड का रेस्क्यू किया गया है. 


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