Gajendra Singh Shekhawat News: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर से बीजेपी उम्मीदवार गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने बुधवार (24 अप्रैल) को कहा कि कांग्रेस केवल अपने वोट बचाने के लिए आजादी के बाद से ही तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है, लेकिन अब कांग्रेस की यह मानसिकता संपूर्णतय देश की जनता के सामने उजागर हो गई है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में कहा कि 1963 और 1974 में नेहरू और इंदिरा गांधी के जमाने में भी कांग्रेस में लोगों की कमाई जप्त करने के लिए कंपलसरी डिपॉजिट एक्ट पास किया था. जिसके तहत कर्मचारियों व अन्य लोगों की 18% संपत्ति को सरकार के पास जमा करना अनिवार्य था. जिसका 3 से 5 साल का लॉकेट पीरियड होता था.
शेखावत ने कहा, ''जब काला कानून लागू हुआ था तो डॉक्टर मनमोहन सिंह, कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार हुआ करते थे. उन्होंने कहा कि 2006 में प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने इस सोच को आगे बढ़ता हुए बयान दिया कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमान का है. अब सैम पित्रोदा की सलाह पर कांग्रेस के घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र है.''
राहुल गांधी पर शेखावत का हमला
शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी ने भी नागपुर और मुंबई में कास्ट और आर्थिक आधार पर सर्वे करवा कर किसी की 55 प्रतिशत संपत्ति पर देश का हक होने की बात कही है. इसका अर्थ यह है कि वो इस संपत्ति को अपने विशेष वोट बैंक को बांटना चाहते हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावत नेआरोप लगाया कि कांग्रेस का घोषणा पत्र और नेताओं के बयान कांग्रेस की तुष्टीकरण के राजनीतिक करने वाली सोच को और लक्षित करती है. उन्होंने कहा कि जो स्त्री धन महिलाओं को अपने परिजनों रिश्तेदारों से भेंट स्वरूप मिलता है. उसे कांग्रेस पार्टी बांटने की बात करती है. जहां कांग्रेस अपने विशेष वोट वर्ग को बचाने लगी रहती है. वहीं पीएम मोदी पिछले 10 वर्षों में जो भी गरीब कल्याण योजना लागू की है. उन्होंने बिना किसी जाति धर्म बोली भाषा के आधार पर लागू नहीं किया है. बल्कि बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लिए समान रूप से लागू किया है.
शेखावत ने कहा कि देश को बांटने वाले बयानों से जब कांग्रेस की समग्र सोच देश के सामने उजागर हुई है. तो आर्थिक आधार पर सर्वे करने की बात को व्यक्तिगत बयान ठहराने का प्रयास किया जा रहा है.