Lumpy Infection: इंसानों में पहले फैली कोरोना (Corona) संक्रमण महामारी के बाद गौवंश में तेजी फैल रहे लम्पी (Lumpy) स्किन संक्रमण भी ला ईलाज है. इस संक्रमण से लागातार गायों की मौत हो रही है. आंकड़ों की बात करें तो जोधपुर में चार हजार के करीब गोवंश की मौत हो चुकी है. लम्पी संक्रमण से पशु पालन करने वाले और डेयरी संचालक की कमर टूट चुकी है. दूध की उपलब्धता 40% कम हो गया है जिसके चलते दूध के भाव में 50% की वृद्धि हो चुकी है. सिर्फ दूध ही नहीं घी के दाम में भी 50% कीमतों में वृद्धि हो चुकी है. बाजारों में दूध की कमी के बीच नकली दूध बेचने वाले गैंग भी सक्रीय हो गये हैं. नकली दूध का सेवन बहुत घातक होता है.


पशुपालक ने मुआवजे की मांग की


मारवाड़ दुग्ध उत्पादन चौहटा के अध्यक्ष शंकर पवार ने बताया कि जोधपुर में करीब 1,000 से अधिक गोवंश इस बीमारी से संक्रमित होकर मर चुके हैं. 500 से अधिक गोवंश बाडों में खड़े हैं जो संक्रमित हुए हैं उनका दूध भी नहीं निकल रहा है. बाजार में दूध की कमी हो रही है जिसके कारण बाजार में दूध की कीमतें भी बढ़ गई है और नकली दूध बेचने वाली गैंग भी सक्रिय हो गये हैं. उन्होंने कहा कि अभी हमने एक गैंग के कुछ लोगों को पकड़ा था. उन्होंने पशुपालन करने वालों को सरकार की तरफ से किसानों की तरह मआवजे की मांग की. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने इस काम को छोड़ देने की बात की.


नकली दूध बेचने वाले हुए सक्रीय


पशुपालन करने वाले मोहन राम ने बताया कि उनकी 85 गायें थी उसमें से 15 गाय मर चुकी है और 10 से 15 गाय संक्रमित होने के बाद बाड़े में खड़ी है. जो दूध नहीं देती है. उन्होंने कहा कि लम्पी बीमारी के कारण हमारी आंखों के सामने गोवंश की मौत हो रही है जिससे हमारी आंखों से खून बह रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी कोई सुनने वाला नहीं है. सभी नेताओं के पास जाकर गुजारिश कर चुके हैं ना तो कोई सरकारी डॉक्टर यहां पर पहुंचता है ना ही किसी तरह का छिड़काव किया गया. साथ ही नकली दूध के भी मामले सामने आ रहे हैं जो लोग यूरिया से दूध बनाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास कई तरह की नस्ल की गाय हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास 1 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक की गायें हैं. इस बीमारी की वजह से उनका लोखों रुपये का नुकसान हो चुका है.


महंगा हुआ दूध
 
घरेलू महिला स्नेहा ने बताया कि गायों में फैली यह बीमारी से हम सभी डरे हुए हैं. साथ ही दूध की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ रही है जिससे हमारे घर का बजट भी बिगड़ गया है. बाजार में दूध की भी किल्लत होने लगी है जो दूध पहले 40 रुपये किलो मिल रहा था उस दूध की कीमत 60 से 65 रुपये किलो हो चुकी है. लंबी संक्रमण के कारण गोवंश की लगातार मौत हो रही है इस लाइलाज बीमारी के आगे सभी पशु पालन करने वाले या डेरी संचालन करने वाले लोग बेबस नजर आ रहे हैं. ये लोग टकटकी लगाए हुए सरकारों से मदद की उम्मीद कर रहे हैं.


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