Jodhpur: जोधपुर IIT के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने तैयार किया रोबोट ट्रेनर, फिजियोथेरेपी में होगा कारगर
Rajasthan News: जोधपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ता ने एक रोबोट ट्रेनर को डिज़ाइन किया है.
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जोधपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ता ने एक रोबोट ट्रेनर को डिज़ाइन किया है. इसका उपयोग निचले अंगों की अक्षमताओं के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी में किया जा सकता है. खासकर विकलांग, लकवाग्रस्त और रीढ़ की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए यह रोबोट ट्रेनर कारगर साबित हो सकता है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर और शोधकर्त्ता डॉ जयंत कुमार मोहता और अन्य शोधकर्ताओं के सहयोग से डिज़ाइन किया गया है.
डॉ मोहता ने बताया कि आईआईटी जोधपुर टीम ने प्रस्तावित ट्रेनर अवधारणात्मक रूप से सरल है और इसमें मॉड्यूलर मैकेनिकल कॉन्फ़िगरेशन है जिसे ठीक करना और उपयोग करना आसान है. इसके अलावा, चूंकि कूल्हे और घुटने की गति के लिए केवल रैखिक एक्ट्यूएटर का उपयोग किया जाता है, इसलिए रोबोट स्वयं स्थिर, सुरक्षित और उपयोग के दौरान मजबूत होता है.
रोबोट ट्रेनर का उपयोग आसान
डॉ मोहता ने बताया कि हमने जिस रोबोटिक ट्रेनर को डिजाइन किया है, वह लकवाग्रस्त रोगियों को फिजियोथेरेपी प्रदान करने में मदद करेगा, और उन लोगों के लिए जिन्हें रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है, जिससे उनके निचले अंगों के कार्य बाधित हो गए हैं. प्रस्तावित ट्रेनर अवधारणात्मक रूप से सरल है और इसमें मॉड्यूलर मैकेनिकल कॉन्फ़िगरेशन है जिसे ठीक करना और उपयोग करना आसान है. इसके अलावा, चूंकि कूल्हे और घुटने की गति के लिए केवल रैखिक एक्ट्यूएटर का उपयोग किया जाता है, इसलिए रोबोट स्वयं स्थिर, सुरक्षित और उपयोग के दौरान मजबूत होता है.
गौरतलब है कि अंग विकलांगता एक गंभीर बीमारी है, और यह उम्र से संबंधित बीमारियों, शारीरिक विकृतियों, दुर्घटनाओं, स्ट्रोक, पोलियो आदि के कारण होती है. 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में गतिमान विकलांग लोगों की संख्या 50 लाख है. डॉ मोहता ने बताया कि अधिकांश मौजूदा रोबोटिक प्रणालियां केवल धनु तल में गति करके रोगियों का इलाज करती हैं.
आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ता ने एक रोबोट जोड़तोड़ व्यवस्था का प्रस्ताव दिया है जो तीनों यानी धनु, अनुप्रस्थ और कोरोनल प्लेन में टखने को गति प्रदान करने में सक्षम है. उपचार के सही क्रम को क्रियान्वित करने पर पूर्ण पुनर्वास संभव है. रोबोट बिना थके इसे करने में सक्षम होंगे. ”
रोबोटिक्स व मोबिलिटी सिस्टम में एक एमटेक प्रोग्राम तैयार
रोबोटिक और मोबिलिटी सिस्टम के क्षेत्र में विविध पृष्ठभूमि वाले इंजीनियरों की इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, और प्रासंगिक अनुसंधान और विकास का समर्थन करने के लिए, आईआईटी जोधपुर की ओर से रोबोटिक्स और मोबिलिटी सिस्टम में एक एमटेक प्रोग्राम तैयार किया गया है.
यह कार्यक्रम आईडीआरपी रोबोटिक्स और मोबिलिटी सिस्टम द्वारा पेश किया जाता है.प्रस्तावित एमटेक कार्यक्रम सबसे चुनौतीपूर्ण उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में से एक में भाग लेने के लिए अंतःविषय सीखने के अवसर प्रदान करेगा. यह भी परिकल्पना की गई है कि यह कार्यक्रम रोबोटिक्स और मोबिलिटी सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण में नवीन विचारों का परीक्षण करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.
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