Jodhpur News: जोधपुर की एक मां का ऐसा त्याग जिसे जानकर आपकी भी आंखे भर जाएंगी. आपने कई फिल्मों में देखा होगा अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए कुछ मां-बाप दिल पर पत्थर रखकर उन्हें ऐसी संस्थान के पास छोड़ देते हैं जहां लावारिस बच्चों को पाला जाता है. ये मामला जोधपुर के लव कुश आश्रम का है जहां एक मां अपनी 5 साल की बच्ची को आश्रम के बाहर छोड़कर चली गई है.


सीसीटीवी को देखा गया तो आश्रम संचालकों को पता चला कि एक महिला ने ऐसा किया है. दूसरे दिन वह महिला फिर लव कुश आश्रम पहुंची. उसके हाथ में एक बालक था और दूसरे हाथ में 2 किलो केले थे. आश्रम में पहुंचकर उसने कहा कि मैं अनाथ बच्चों को फल वितरण करने के लिए आई हूं. लेकिन आश्रम संचालक इस महिला को पहचान गए. हालांकि उन्होंने उसे कुछ नहीं कहा. इस मां की आंखें लगातार आश्रम में अपनी बेटी की तलाश कर रही थी.


बच्ची को किसी बहाने देखने आई थी मां


दरअसल वह बच्चों को केले देने के बहाने यह देखने के लिए आई थी कि उसकी बेटी सही सलामत है या नहीं. थोड़ी देर में वह पल आ गया जब मां और बेटी आमने-सामने थे. जैसे ही यह मासूम बच्ची अपनी मां के सामने आई तो उसका भाई उसके गले लग गया और अपनी बहन को पहचान गया. बेटी भी अपनी मां को देखकर भावुक हो गई और रोने लगी. थोड़ी देर में उसकी मां का भी यही हाल था. ये सब देख उसकी मां भी रोने लगी. संचालकों ने पूछा कि यह क्या माजरा है तो पहले उसने बताया कि मैं इस बच्ची को नहीं जानती लेकिन थोड़ी देर बाद वह पिघल गई और उसने बताया कि यह मेरी बेटी है.


जब आश्रम संचालकों ने पूछा कि क्या आप इस बेटी को वापस ले जाना चाहती हैं तो उसने मना कर दिया. उसने कहा कि वह इतनी मजबूर है कि इस बच्ची को अपने साथ नहीं रख सकती क्योंकि वह मजदूरी करने चली जाती है और पीछे किसके भरोसे इसे छोड़े. ऐसे कई मामले हैं जिनमें मासूम बच्चों के साथ अनहोनी हो जाती है. इसके अलावा उसने कहा कि मैं इस बच्ची का अच्छा भविष्य बनाना चाहती हूं जो यहां मिलेगा.


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आश्रम ने बच्ची को लिया गोद


लव कुश आश्रम के संचालक राजेंद्र परिहार ने बताया कि जब यह महिला लव कुश आश्रम देखने के बहाने आश्रम में आई तो हमने उसे पूरा आश्रम दिखाया लेकिन बच्ची को हमने छुपा दिया. हम देखना चाहते थे कि इसके मन में क्या चल रहा है. इतने पूरा आश्रम देखा लेकिन बच्ची के बारे में कुछ नहीं पूछा. जब मनोवैज्ञानिक तरीके से इस बच्ची की मां से काउंसलिंग की गई तो उसने बताया कि उसकी कुछ ऐसी परिस्थितियां है कि इस बच्ची को अपने साथ नहीं रख सकती लेकिन वह उसे आश्रम में सौंपना चाहती है. इसके बाद कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद बच्ची को आश्रम ने गोद ले लिया.


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