Jodhpur News: 2 साल बाद पूरी क्षमता के साथ खुलेगा मां चामुंडा का दरबार, देशभर से आते हैं भक्त
साल 2008 में यहां बुरी तरह भगदड़ मची थी. इस भगदड़ में 217 युवा हादसे का शिकार हो गए थे. इस हादसे के बाद मां चामुंडा के दर्शन के लिए मेहरानगढ़ ट्रस्ट और पुलिस प्रशासन की ओर से कई अहम बदलाव किए गए हैं.
Chamunda Temple: जोधपुर के मेहरानगढ़ में स्थित मां चामुंडा के प्राचीन मंदिर से मारवाड़ी ही नहीं देश भर के भक्तों की आस्था जुड़ी है. 2 साल के कोरोनाकाल के बाद अब एक बार फिर मां का दरबार आमजन के लिए पूरी क्षमता के साथ खुलेगा. 26 सितंबर से शुरू होने वाले आसोजी नवरात्र को देखते हुए इस बार मेहरानगढ़ किले में चामुंडा माता मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए सुरक्षित व सुविधाजनक दर्शन की व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस व प्रशासन ने आवश्यक निर्देश जारी किए हैं.
2008 में हुआ था हादसा
दरअसल साल 2008 में यहां बुरी तरह भगदड़ मची थी. इस भगदड़ में 217 युवा हादसे का शिकार हो गए थे. इस हादसे के बाद मां चामुंडा के दर्शन के लिए मेहरानगढ़ ट्रस्ट और पुलिस प्रशासन की ओर से कई अहम बदलाव किए गए हैं. दावा किया जा रहा है कि इस बार मंदिर में पहले के मुकाबले बेहतर सुरक्षा और सुविधा होगी.
जोधपुर के मेहरानगढ़ की तलहटी में स्थित मां चामुंडा के दर्शन के लिए आप जा रहे हैं तो पुलिस व प्रशासन के द्वारा मंदिर दर्शन के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिससे मंदिर दर्शन के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और सुरक्षा के तमाम मानदंडों से आप परिचित भी हो जाएंगे. अमृत चौहान ने मेहरानगढ़ ट्रस्ट व अन्य विभागों के साथ बैठक कर कई आवश्यक निर्देश दिए हैं.
सुबह 7 से शाम 5 बजे तक दर्शन
मेहरानगढ़ ट्रस्ट के वरिष्ठ प्रबंधक शैलेश माथुर ने सुरक्षा अधिकारी कैप्टन लक्ष्मण सिंह शेखावत व प्रबन्धक संस्कृति घर्मांशु बोहरा का कहना है कि किले में नवरात्र के दौरान चामुंडा माता मंदिर में दर्शन की व्यवस्था सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक ही रहेगी.
शराब व डीजे पर प्रतिबंध
पुलिस उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि दर्शनार्थियों के शराब पीकर या लेकर आने पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही डीजे के साथ जाना भी पूर्णतया प्रतिबंधित होगा. गैस से चलने वाले वाहनों पर भी रोक रहेगी.
फायर ब्रिगेड व एम्बुलेंस
कोरोनाकाल के बाद इस बार नवरात्र में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए डीसीपी ने एंबुलेंस की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. उन्होंने मोटर साइकिल एम्बुलेंस की भी जगह-जगह व्यवस्था करने को कहा. ट्रस्ट की ओर से भी डॉक्टर व मेडिकल सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिए. साथ ही फायर ब्रिगेड की व्यवस्था करने को भी उपायुक्त ने कहा है. उन्होंने एसडीआरएफ की तैनाती का भी निर्देश दिया.
नागौरी गेट से मेहरानगढ़ तक वन वे
इस बार नवरात्र के मौके पर मेहरानगढ़ की तरफ आने वाले वाहनों के लिए पुलिस प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग तय किया है. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त यातायात चेनसिंह महेचा ने कहा कि नवरात्र के दौरान नागौरी गेट से मेहरानगढ़ दुर्ग जाने वाले रास्ते पर वन वे व्यवस्था रहेगी. जिसमें तिपहिया व चारपहिया वाहन एक तरफ ही जा सकेंगे. वाहन किले की पार्किंग में पार्क होंगे. ये वाहन नागौरी गेट होकर जाएंगे और वापस चांदपोल विद्याशाला की तरफ उतरेंगे. दुपहिया वाहन दोनों तरफ से आ जा सकेंगे.
प्रवेश की यह रहेगी व्यवस्था
किले में जयपोल के बाहर से एक लाइन में प्रवेश की व्यवस्था होगी, जो मंदिर तक रहेगी और डीएफएमडी गेट से ही जयपोल व फतेहपोल से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा. पट्ठे पर महिलाएं, बच्चे. वृद्ध और दिव्यांगों के लिए आने-जाने की व्यवस्था रहेगी. पुरुषों के लिए सलीम कोट से होकर बसंत सागर से आने जाने की व्यवस्था होगी. सभी स्थानों पर बेरिकेट्स व्यवस्था रहेगी. पुरुषों द्वारा प्रसाद चढ़ाने की व्यवस्था बसंत सागर पर महामृत्युंजय मूर्ति वाले मार्ग पर व पट्ठे पर महिलाओं के लिए व्यवस्था रहेगी. पॉलिथीन में प्रसाद लाने पर प्रतिबंध रहेगा. सुरक्षा की दृष्टि से अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे रहेंगे. दो कंट्रोल रूम की भी व्यवस्था रहेगी.
आपातकालीन निकास प्लान
डीसीपी का कहना है कि सभी विभागों को मिलकर नवरात्र का यह आयोजन सफलतापूर्ण व शांतिपूर्ण आयोजित करवाना है. सभी व्यवस्थाएं अच्छी तरह हों. सभी को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से पूरी करनी होगी. उन्होंने मेहरानगढ़ मंदिर ट्रस्ट व अन्य संबंधित विभागों की व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के साथ ही उचित निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस को जो भी व्यवस्था व जिम्मेदारी इस दौरान सौंपी जाए, उसे पुलिस बेहतर तरीके से निभाए. डीसीपी ने दुर्ग प्रबन्धक से आपातकालीन निकास प्लान भी तैयार रखने को कहा है.
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