CRPF Jawan Suicide Case: जोधपुर शहर से 25 किलोमीटर दूर पालड़ी खिंचियान में सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र में जवान नरेश जाट के गोली मारकर खुदकुशी कर लेने के बाद, उसके परिजनों ने मांग पूरी न होने तक शव उठाने से मना कर दिया. आखिरकार अधिकारियों को परिजनों की मांगों के आगे झुकना पड़ा. शव को ले जाने और मांगों पर आखिरकार 72 घंटे बाद सहमति बन गई. जल्द की परिजन शव को उसके पैतृक गांव राजोला पाली लेकर जा सकते हैं, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.


परिजनों की लगभग सभी मांगों पर बनी सहमति


इधर आज सुबह सीआरपीएफ की एडीजी रश्मि शुक्ला भी एमजीएच मोर्चरी पर पहुंचीं. उनके साथ आईजी विक्रम सहगल भी मौजूद रहे. आईजी ने बताया कि परिजनों की अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई है.  उन्होंने बताया कि पुलिस आयुक्त रविदत्त गौड़ एवं सीआरपीएफ के अधिकारियों में भी वार्ता हुई. परिजनों की 25 लाख रुपए का चेक देने के अलावा नरेश जाट की बेटी की निशुल्क शिक्षा की शर्त मानी गई है.  इसके अलावा मृतक की पत्नी की अनुकंपा नियुक्ति की बात मानी गई है. वहीं, प्रकरण में एडीजी स्तर पर जांच कराने पर सहमति बनी है. संभवत: शाम तक शव उसके पैतृक गांव ले जाया जा सकता है.


अपने फ्लैट में नरेश जाट ने खुद को मार ली थी गोली


बता दें कि जवान नरेश जाट ने खुद को सीआरपीएफ के क्वार्टर में रविवार की देर शाम को बंद कर हवाई फायरिंग की थी और सोमवार की सुबह साढ़े 11 बजे के आसपास अपनी सर्विस राइफल से सुसाइड कर लिया था. मरने से पहले उन्होंने एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें उन्होंने सीआरपीएफ अफसरों पर परेशान करने का आरोप लगाया था. उनके पिता की तरफ से करवड़ थाने में इस बाबत डीआईजी सहित पांच अन्य अफसरों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किए जाने का केस दर्ज करवाया गया है.


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