Jodhpur News: वॉर मेमोरियल और सैनिकों के स्टेच्यू कम ही देखने को मिलते हैं. लेकिन जोधपुर के रहने वाले रंजीत सिंह 23 साल पहले सेना से जुड़े यादगार पल को सहेज रहे हैं. स्मृतियों में गुम हो चुके पल को क्ले मॉडलिंग की कला से रंजीत खूबसूरत रूप देने का काम कर रहे हैं. 18 और 21 फीट ऊंचे अशोक स्तंभ, 15 से 20 फीट ऊंचे सैनिकों के स्टेच्यू को बनाने में लगे हैं.
स्टेच्यू मिट्टी, फाइबर और केमिकल के मिश्रण से तैयार किया जाता है. वाटर प्रूफ स्टेज शो पर सर्दी, गर्मी, बारिश का कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ता है. बस इन स्टेच्यू को आग से बचाना जरूरी है. इस तरह के खास स्टेच्यू और कलाकृतियां नो प्रॉफिट नो लॉस पर वॉर रूम बनाए जाते हैं.
मिट्टी और केमिकल से तैयार स्टेच्यू बना सेल्फी प्वाइंट
देश में कई जगह वॉर रूम बनाए गए हैं. अलग-अलग तरह के स्टेज शो और सैनिकों के मूवमेंट का स्टेच्यू बनाकर खूबसूरत वॉर रूम तैयार करने का काम करते हैं. उनकी कला पर कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. ये काम राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना का प्रतिबिंब है. मिट्टी और केमिकल से तैयार स्टेच्यू को देखने पर पल भर जीवंत लगता है मानो बोल पड़ेगा.
रंजीत 3D कैनवास पर वॉल पेंटिंग का भी यूनिक काम कर रहे हैं. जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र में रहते हुए राष्ट्रीय सोच से प्रेरित रंजीत ने चित्रकारी की प्रतिभा को आगे बढ़ाया. अब देश में कहीं भी वॉर रूम की प्रदर्शनी तैयार करने के लिए पूरी टीम काम करती है. कई लोगों को इस काम से रोजगार भी मिल रहा है.
आम लोगों में राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावनाएं बढ़ रही हैं. घर के बाहर 15 फीट ऊंचे दो सैनिकों के स्टेच्यू अलग-अलग मोमेंट में लगा रखे हैं. एक चीता शिकार पर वार करने के लिए घात लगाता है. सैनिकों के स्टेच्यू अब सेल्फी पॉइंट बन चुके हैं.
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