Asaram Case: आसाराम की सजा के खिलाफ अपीलों पर हाई कोर्ट में सुनवाई, 2013 से जेल में है बंद
Asaram Case: 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने आसाराम को छिंदवाड़ा आश्रम से पकड़ा था. तभी से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है. 2018 में सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे आखिरी सांस तक जेल की सजा सुनाई थी.
Asaram Case: अपने ही गुरुकुल की नाबालिग से यौन शोषण के मामले में अंतिम सांस तक कारावास की सजा काट रहे आसाराम जेल से बाहर आने के लिए कई हथकंडे आजमा चुका है. आखिरकार उसे हर बार निराशा ही हाथ लगती है. 16 नवंबर 2022, गुरुवार को हाई कोर्ट में आसाराम, शिल्पी और शरद चंद्र की ओर से सजा के खिलाफ पेश की गई सजा स्थगन की अपीलों पर सुनवाई होगी.
याचिका में जल्द सुनवाई के ये कारण
आसाराम ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए सुनवाई करने की मांग की थी और याचिका दाखिल की थी. अपनी याचिका में आसाराम ने कहा था कि उसकी उम्र 85 साल से ज्यादा हो चुकी है और वह कई तरह की बीमारियों से भी ग्रस्त है. साथ ही, उसने निचली कोर्ट के सजा के आदेश को चुनौती भी दी है और सजा को गलत बताया है.
यह भी पढ़ें: Rajasthan: जिलों की जंग में फंस गए सीएम गहलोत, अपने ही विधायक कहने लगे कांग्रेस सरकार की 'बैंड बजाने' की बात
2013 से जेल में बंद है आसाराम
गौरतलब है कि आसाराम को 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने छिंदवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार किया था. तभी से आज तक आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है. आसाराम के इस मामले में लगातार चली लंबी सुनवाई के बाद एससी/एसटी कोर्ट और पॉक्सो कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए आसाराम को आखिरी सांस तक जेल में रखने की सजा सुनाई थी. इसके बाद आसाराम ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, सभी कोर्ट के दरवाजे खटखटाए, लेकिन सफलता कभी हाथ नहीं लगी. अब आसाराम की आशाएं एक बार फिर अपील की सुनवाई पर टिकी हैं. आसाराम की सहयोगी शिल्पी और शरद चंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई थी. इन दिनों दोनों जमानत पर बाहर हैं.
जानें क्या था मामला
आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के पास मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न किया. 20 अगस्त 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस ताने में आसाराम के खिलाफ केस दर्ज कराया था. जोधपुर का मामला होने की वजह से दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेज दिया. जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया.
जोधपुर पुलिस 31 अगस्त 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई. उसके बाद से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में ही बंद है. अप्रैल 2018 में ट्रायल कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार देते हुए मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी. आसाराम 20 से ज्यादा बार जमानत हासिल करने की कोशिश कर चुका है, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज कर दी गई.