Robbery Bride Case: राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर ने लुटेरी दुल्हन प्रकरण में दलाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी. दलाल पर भोले भाले व्यक्ति को धोखा देकर शादी के नाम पर ठगी करने का आरोप है. जस्टिस विनीत माथुर ने ठगी गिरोह के दलाल की आज सुनवाई करते हुए जमानत अर्जी खारिज करने का निर्देश दिया. अदालत में परिवादी का पक्ष अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने रखा और सरकार की ओर से अधिवक्ता श्रवण विश्नोई मौजूद रहे. महामंदिर निवासी प्रदीप के साथ दो लाख रुपये की धोखाधड़ी कर विवाह दो बच्चों की मां से करवा दिया गया था. ठगी का पता लगने के बाद प्रदीप ने मामला दर्ज करवाया.


लुटेरी दुल्हन प्रकरण में दलाल की जमानत अर्जी खारिज


पुलिस ने पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में लुटेरी दुल्हन अनु और कैलाश दवे  को गिरफ्तार किया. आरोपियों की जमानत राजस्थान उच्च न्यायालय की तरफ से स्वीकार कर लेने के बाद जोधपुर पुलिस मेरठ गई. जोधपुर पुलिस ने आरोपी दीवान सिंह को गिरफ्तार कर राजस्थान लाई. ट्रायल कोर्ट से दीवान सिंह की जमानत खारिज होने के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में जमानत की गुहार लगाई गई. अदालत में दीवान सिंह की तरफ से बताया गया कि लुटेरी दुल्हन प्रकरण में भूमिका टैक्सी ड्राइवर की थी. बतौर टैक्सी ड्राइवर उसने केवल सवारी छोड़ी थी.


चूंकि अन्य आरोपियों की जमानत पूर्व में राजस्थान उच्च न्यायालय स्वीकार कर चुका है, इसलिए दीवान सिंह को भी जमानत दी जाए. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया कि दीवान सिंह ने फर्जी विवाह प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किया और प्रकरण में सक्रिय भूमिका निभाने का गंभीर आरोप है. लिहाजा दलाल दीवान सिंह की जमानत अर्जी खारिज की जाती है. 


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