Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोरों विरोध सख्ती से कार्रवाई करने की तैयारी में हैं. मिलावटखोरों के खिलाफ राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है. कोई भी व्यक्ति मिलावट की शिकायत व सूचना हेल्पलाइन नंबर 181 और कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों को आसानी से दे सकता है. उसकी पहचान भी गोपनीय रखी जाएगी.
सीएम ने शुरू किया अभियान
दरअसल त्योहारों के सीजन और मिलावट के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ के तहत उच्च स्तरीय बैठक ली. गहलोत ने कहा कि शुद्ध खाद्य उत्पाद प्राप्त करना नागरिकों का हक है. शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभाग सक्रिय भूमिका निभाएं. कोई भी व्यक्ति मिलावट की सूचना हेल्पलाइन नंबर 181 और कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों को दे सकता है. उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी.
मिलेगा 51000 रुपये का इनाम
अभियान की अवधि में मिलावटखोरों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए सूचना देने वालों को 'अनसेफ फूड' प्रमाणन पर 51,000 रुपये और 'सब-स्टेंडर्ड' होने पर 5,000 रु. की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. चालान के वक्त प्रोत्साहन राशि का आधा हिस्सा सूचना देने वाले व्यक्ति को दे दिया जाए. मिलावट की मौके पर ही मोबाइल लैब से जांच हो अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की जाए. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएं. एफएसएसएआई द्वारा जारी प्रमाण पत्रों का व्यावसायिक संस्थानों में डिस्प्ले सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए.
बनाई जाएंगी 7 लैब
मौके पर ही मिलावट जांच के लिए शुरू की गई मोबाइल लैब का उपयोग भी प्रभावी रूप से करने के निर्देश दिए. राज्य में सैंपल टेस्टिंग के लिए 7 नई लैब स्थापित की जा रही हैं. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के कैडर का भी सुदृढीकरण किया गया है. दूध, मावा, पनीर, मिठाइयों, दूध से बने अन्य उत्पाद, आटा, बेसन, खाद्य तेल, घी, मेवे, मसालों की जांच को प्राथमिकता दें. खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले उत्पादकों, थोक विक्रेताओं और बड़े खुदरा विक्रेताओं के विरुद्ध मौके पर ही सख्त कार्रवाई करें.
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