(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jodhpur IIT में देश का पहला AI सुपर कंप्यूटर, क्रिमिनल को आसानी से पकड़ सकती है पुलिस, जानें कैसा करता है काम
Jodhpur News: AI कंप्यूटर साइंस की ऐसी ब्रांच है जिसका काम ही इंटेलिजेंस मशीने बनाना है. हाल ही में भारत सरकार के थिंक टैंक नौति आयोग और गूगल के बीच इसे लेकर एक करार हुआ है.
Jodhpur News: जोधपुर के IIT में देश का पहला AI सुपर कंप्यूटर लगा है. सुपर कंप्यूटर एक ऐसा मशीनी दिमाग है जो इंसानों की तरह सोच सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस की ऐसी ब्रांच है जिसका काम ही इंटेलिजेंस मशीने बनाना है. हाल ही में भारत सरकार के थिंक टैंक नौति आयोग और गूगल के बीच एक करार हुआ है जिसमें दोनों मिल कर भारत की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा मशीन लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है, एक मशीन में सोचने-समझने और फैसले लेने की क्षमता विकसित करना और मशीन में ऐसा दिमाग बनाना जो इंसानों की तरह सोच सके. देश की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्रांति का सूत्रपात सूर्यनगरी से हो रहा है. जोधपुर की आईआईटी में देश का पहला एआई- सुपर कंप्यूटर स्थापित किया गया है और एआई- रिसर्च लैब है. यह सुपर कंप्यूटर DIR-2 है जिसकी मेमोरी 30 TB है. इसकी क्षमता के बारे में बात करें तो जिस काम को dgx-1 कंप्यूटर 15 दिन में करता हैं यह कंप्यूटर उसे सिर्फ 1 दिन में कर देगा.
वर्तमान बजट में 480 मिलियन डॉलर का प्रावधान
जोधपुर आईआईटी डायरेक्टर शांतनु चौधरी के मुताबिक सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, बिग डाटा टिलिनेस, रियल टाइम डाटा और क्वांटम कम्युनिकेशन के क्षेत्र में प्रशिक्षण, मानव संसाधन और कौशल विकास को बढ़ावा देने की योजना बना रही है. वर्तमान बजट में सरकार ने फिफ्थ जेनरेशन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के लिये 480 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है. स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने, शिक्षा में सुधार लाने नागरिकों के लिये अभिनव शासन प्रणाली विकसित करने और देश की समग्र आर्थिक उत्पादकता में सुधार के लिये देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग के प्रयोग करने का समय पास आ रहा ह. ऐसे में गूगल के साथ नीति आयोग की साझेदारी से कई प्रशिक्षण पहल शुरू किये जा चुके है इससे स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा और पीएचडी, छात्रवृत्ति के माध्यम से एआई अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा
इन क्षेत्रों के लिए एक्सपर्ट साबित होगा AI
- किसी रोग की जांच व इलाज के लिए एआई का उपयोग किया जा सकता है. एक ही तरह के रोग में मरीजों की करवाई गई जांचों के डेटा उपलब्ध करवाया गया इलाज डाल दिया जाए. इसके बाद इसी रोग से जुड़े किसी रोगी की नई रिपोर्ट इस कंप्यूटर में डाली जाती है तो रोग की जानकारी व उसके इलाज के संबंध में निष्कर्ष खुद एआई कंप्यूटर बता सकता है.
- सिक्यaरिटी के सिस्टम में भी इस सुपर कंप्यूटर का उपयोग किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर यदि शहर के सभी सीसीटीवी कैमरों को इससे जोड़ दिया जाए और इसके बाद यदि किसी क्रिमिनल के फोटो व वीडियो इस कंप्यूटर में डाल दिया जाता है, तो सीसीटीवी कैमरे के आगे से किसी भी क्रिमिनल के गुजरने पर इसकी जानकारी पुलिस को मिल सकती है.
- इस कंप्यूटर के माध्यम से टेक्स्ट एनालिसिस की सुविधा का भी उपयोग किया जा सकता है. यानी गूगल पर उपलब्ध डेटा व अन्य डेटा कंप्यूटर को उपलब्ध करवा दिया जाता है. इस संबंध में कोई भी शब्द पूछने पर उस विषय से जुड़ी समस्त जानकारी एआई कंप्यूटर द्वारा उपलब्ध करवाई जा सकती है. इस तकनीक के उपयोग से किसी भी स्टूडेंट को लाभ हो सकता है.
- किसी शहर में प्रशासन की ओर से यदि कैमरे लगाकर उन्हें एआई सुपर कंप्यूटर से जोड़ दिया जाए तो इस क्षेत्र के सीवरेज, सड़क, पानी की लाइन रोड लाइट व अन्य सुविधाओं एआई कंप्यूटर से मॉनिटरिंग किया जा सकता है. शहर के किसी भी हिस्से में कोई दिक्कत होने पर ऑटोमेटिक संबंधित विभाग के पास मैसेज पहुंच जाता है. वहीं चैट बोट फैसिलिटी का उपयोग कर सकता है.
- देश विदेश के टूरिस्ट प्लेस के डेटा व फोटोग्राफ्स यदि इस कंप्यूटर में डाल दिए जाएं तथा इसके बाद किसी भी टूरिस्ट प्लेस की कोई भी दूसरी फोटो सिस्टम में डालकर यदि जानकारी मांगी जाए तो एआई तकनीक के माध्यम से टूरिस्ट प्लेस की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सकती है. साथ ही उस स्थान के अन्य फोटो भी आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं.
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