Jodhpur News: आप और हम जिस सामान को कबाड़ समझ कर बाहर फेंक देते हैं उसी कबाड़ से जुगाड़ के जरिए खूबसूरत सामान तैयार करने का कारोबार भी चल पड़ा है. कबाड़ के जुगाड़ से बनाए सामान देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत पसंद किए जा रहे हैं. यही वजह है कि उसकी डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. कबाड़ से जुगाड़ के बनाए गए प्रोडक्ट हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट व्यवसाय का अहम हिस्सा हैं. कबाड़ से जुगाड़ के जरिए बनने वाले सामान में लागत कम और मुनाफा कई गुना मिलता है.


कबाड़ से जुगाड़ के जरिए सजावट का होता है सामान तैयार


जोधपुर में पुरानी से पुरानी गाड़ी गाड़ियों में लगने वाले बैरिंग, रिंग फ्यूल टैंक, चैन, लीवर, हैंडल, कढ़ाई, पुराने नट, बोल्ट, स्क्रू सहित कबाड़ के टैंक को जोड़कर अलग-अलग सजावट के सामान बनाए जाते हैं. अजय शर्मा कहते हैं हुनर तो आज हर किसी में है लेकिन खुद पर आजमाना सबके लिए बहुत मुश्किल है. लेकिन नई पीढ़ी के युवा आज अपने हुनर की बदौलत ना अपने व्यवसाय में बल्कि कई क्षेत्रों में जोधपुर शहर का जाना पहचाना चेहरा बन चुके हैं. क्रिएटिविटी में माहिर होम डिजाइन के मालिक अजय शर्मा ने हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय के साथ-साथ कबाड़ से सजावट का सामान बनाने का काम शुरू किया.


कारोबार के फलने फूलने से मिला 300 लोगों को रोजगार


यह काम धीरे-धीरे इतना फैल गया कि आज इनकी फैक्ट्री में करीब 300 लेबर को रोजगार मिल रहा है. कबाड़ से जुगाड़ कर तैयार किए गए सजावट के सामान की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर, एंबेसडर कार, स्कूटर, लूना, मोटरसाइकिल, साइकिल से खासतौर पर बनाए गए सजावट के सामान काफी खूबसूरत हैं. पुरानी गाड़ियों की लाइट को खूबसूरत लैम्प का आकार दिया गया है. ऑटो रिक्शा को काटकर वाइन बार बनाया गया है. एंबेसडर को काटकर एंबेसडर सोफा का निर्माण किया गया. स्कूटर को वाइन बॉस के साथ टेबल का आकार दिया गया. कई तरह के नट, बोल्ट, रिंग, पिस्टन, बेरिंग को जोड़कर बनाया गया वाइन बार आपको मोहित कर देगा और आप कल्पना करने लगेंगे कि काश मेरे घर या ऑफिस में होता. 


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आप चेस खेलने के शौकीन हैं तो खास तौर से बनाई गई चेस टेबल देखकर आप चौंक जाएंगे क्योंकि चेस में सारे कबाड़ का सामान है. बहुत खूबसूरती से चेस के सारे मोहरे बनाए गए हैं. कबाड़ के जुगाड़ से कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. अजय शर्मा से हमने पूछा कि आपने यह काम कैसे शुरु किया या आपके पास कोई इंजीनियर डिजाइन करता है. उन्होंने बताया कि हमारे पास कोई इंजीनियर नहीं है. हम लोग खुद ही इसको डिजाइन करते हैं. डिजाइन करने के बाद उसको डिस्प्ले में लगाया जाता है क्योंकि इसको करने के लिए इंजीनियर की जरुरत नहीं बल्कि पैशन होना चाहिए. पैशन के सहारे आप छोटे से छोटे सामान को सही जगह लगाकर खूबसूरत बना सकते हैं.