Jodhpur News: प्यार किया तो डरना क्या! लेकिन आजकल के युवा प्रेम विवाह करने के बाद अपने ही परिजनों से डरकर अदालत की शरण में सुरक्षा की गुहार लगाते हैं. ज्यादातर मामलों में अदालत फरियाद पर सुरक्षा मुहैया भी करवाती है. जोधपुर के एक प्रेमी जोड़े ने विवाह के बाद परिजनों से जान का खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिका पर जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि प्रेम विवाह करने वाले इस जोड़े को सुरक्षा की जरूरत नहीं है.
कोर्ट ने प्रेमी जोड़े को शादी के बाद सुरक्षा देने से किया इंकार
हाईकोर्ट ने शादी के बंधन में बंध चुके प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने से इंकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर युवक युवती ने शादी करने का फैसला कर लिया है तो दोनों को समाज का सामना करने की हिम्मत होनी चाहिए. प्रेमी जोड़ा फैसले पर परिवार को समझाए. तथ्यों के आधार देखकर नहीं लगता कि जोड़े को किसी से जान का खतरा है. जोधपुर जिले के ओसिया गांव निवासी 18 साल की युवती और 21 साल के युवक ने घर से भागकर प्रेम विवाह किया और सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी.
सुरक्षा का एक अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसे कोई सबूत नहीं है जिससे लगे कि उन पर हमले की आशंका है. कोर्ट ने कहा कि किसी योग्य मामले में कपल को सुरक्षा मुहैया कराया सकता है लेकिन याचिकाकर्ता के समर्थन की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता. जस्टिस दिनेश मेहता ने सुनवाई करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दंपत्ति के साथ दुर्व्यवहार करता है तो पुलिस बचाव में आती है. लेकिन सुरक्षा का एक अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते. इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.