(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: फूड टेस्टिंग लैब वैन को 4 महीनों से ड्राइवर का इंतजार, सिस्टम लापरवाह! कैसे होगा मिलावटखोरों पर एक्शन?
पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्रीज राजस्थान को पिछले 4 से 5 महीने से फ़ूड टेस्टिंग मोबाइल वेन मिली हुई है, जो ड्राइवर नही होने के कारण धूल फांक रही है.
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं. मिलावटखोरों के खिलाफ प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान को सार्थक करने के लिए प्रदेश के कई जिलों में फूड टेस्टिंग लेब वेन दी गई हैं. वहीं सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में इस अभियान और फूड टेस्टिंग मोबाइल वेन की ग्राउंड जीरो से एबीपी न्यूज जोधपुर की पड़ताल में हैरान कर देने वाली बात सामने आई है.
दरअसल पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्रीज राजस्थान को पिछले 4 से 5 महीने से फ़ूड टेस्टिंग मोबाइल वैन मिली हुई है, जो ड्राइवर नही होने के कारण धूल फांक रही है. ड्राइवर की डिमांड विभाग की और से राज्य सरकार की हुई, लेकिन आज दिन तक ड्राइवर नही मिला. जिसके चलते 'शुद्ध के लिए युद्ध अभियान सार्थक होता नजर नही आ रहा है.
मिल रहे 30 फीसदी फेलियर सैंपल
पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्रीज जोधपुर कि इंचार्ज डॉक्टर रेनू शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि शुद्ध के लिए युद्ध सालों से लगातार चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा इस अभियान की शुरुआत की गई थी और जब तक मिलावट खोर खत्म नहीं होंगे तब तक इस अभियान को सतत चलाया जाएगा. अभियान के तहत पिछले 9 महीनों में करीब 17 सौ सैंपल सामने आए थे 1680 सैंपल की जांच कर ली गई है जिसमें से 25 फीसदी से 30 फीसदी फेलियर सैंपल आए हैं.
इन चीजों में होती है सबसे ज्यादा मिलावट
डॉक्टर रेनू शर्मा ने बताया कि त्योहारो की सीजन आते ही मिलावटखोर एक्टिव हो जाते हैं. इस अभियान के जरिए मिलावटखोर पर शिकंजा कसा जा रहा है अधिकार मिलावट मसालों, घी, पनीर, दूध, मिल्क केक व अन्य सामानों में आते है. अब लेब हाई टेक हो चुकी है. केंद्र सरकार की और से हाईटेक इंस्टूमेंट आ गया हैं, जिससे किसी भी तरह की मिलावट को पकड़ा जा सकता हैं.
ये भी पढ़ें