Indian Railways: उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने लंबे समय से पड़े कबाड़ बेचकर 30 करोड़ रुपए का राजस्व कमाया है. आपको बता दें कि चालू वित्तीय वर्ष के 28 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य डेढ़ माह पहले ही हासिल कर लिया गया था. जोधपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम जितेंद्र मीणा ने बताया कि स्क्रैप संपत्ति की बिक्री में मंडल का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में 28 करोड़ रुपए रखा गया था. हमने सफलतापूर्वक फरवरी में ही लक्ष्य को पूरा कर लिया. उन्होंने बताया कि जोधपुर मंडल ने इस मद में 14 फरवरी को 29 करोड़ 13 लाख रुपए का राजस्व जुटा लिया था. ये निर्धारित लक्ष्य से एक करोड़ 13 लाख रुपए अधिक है.


लक्ष्य से ज्यादा स्क्रैप की हुई बिक्री


डीआरएम ने बताया कि स्क्रैप बिक्री के मद में मंडल को 7 हजार 950 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया था. जिसके मुकाबले अब तक 8 हजार 319 मीट्रिक टन स्क्रैप की बिक्री की जा चुकी है. सोमवार को एक दिन में एक करोड़ 47 लाख रुपए स्क्रैप बेचा गया, जिसे मिलाकर मंडल को इस मद में अब तक 30 करोड़ 61 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है. चालू वित्त वर्ष में अभी सवा महीना शेष है. 


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पिछले साल 17 करोड़ की कमाई


स्क्रैप का निपटान एक महत्वपूर्ण गतिविधि है. इससे राजस्व अर्जित करने के साथ-साथ कार्य परिसर को साफ सुथरा रखने में भी मदद मिलती है. रेलवे लाइन के निकट रेल पटरी के टुकड़ों, स्लीपरों और टाइबोर जैसे स्क्रैप के कारण सुरक्षा संबंधी जोखिम की आशंका बनी रहती है. इनके त्वरित निपटान को प्राथमिकता दी जाती है और निगरानी भी उच्च स्तर पर की जाती है. पिछले साल भी इस मद में मंडल को 15 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था. लक्ष्य के मुकाबले मंडल की इस मद में 17.70 करोड़ थी.


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