जोधपुर (Jodhpur) में एक प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) की धांधली के खिलाफ ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा (Osian MLA Divya Maderna) ने मोर्चा खोल दिया है. अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) का लाभ देने के बजाए मरीज से सवा लाख रुपए जमा करवा लिए. बाद में इलाज के नाम पर साढ़े लाख रुपए का बिल थमा मरीज को घर जाने से रोक लिया. मामले की जानकारी मिलते ही दिव्या मदेरणा अस्पताल में समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं. दिव्या ने कलेक्टर से लेकर जयपुर तक बात की लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. दिव्या जमा कराए गए सवा लाख रुपए वापस लेकर जाने पर अड़ी हुई हैं.
फिलहाल गतिरोध बना हुआ है और वार्ता का दौर जारी है. धनारी कलां गांव निवासी 42 वर्षीय जगदीश डूडी को सात सितंबर को दिल का दौरा पड़ने के बाद परिजन भदवासिया क्षेत्र स्थित श्रीराम अस्पताल लेकर आए. उस समय जगदीश की स्थिति बेहद नाजुक थी. डॉक्टरों का कहना था कि मरीज के शरीर में पच्चीस मिनट तक कोई हरकत नहीं थी. लगातार प्रयास के बेहतर नतीजे मिले और शरीर में हरकत लौट आई. इलाज शुरू करने के लिए डॉक्टरों ने सवा लाख रुपए जमा करवा लिए.
डिस्चार्ज करने के साथ कुल साढ़े तीन लाख का बिल
अब डिस्चार्ज करने के साथ कुल साढ़े तीन लाख का बिल थमा शेष राशि की मांग की गई. परिजनों ने कहा कि मरीज चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकृत है. ऐसे में बीमा योजना का लाभ मिलना चाहिये लेकिन डॉक्टरों ने मना कर दिया. मरीज के परिजनों ने क्षेत्र की विधायक दिव्या मदेरणा को फोन कर जानकारी दी. जानकारी मिलते ही दिव्या ने अस्पताल पहुंचकर पुलिस की उपस्थिति में डॉक्टरों से बात की. दिव्या ने तीन डॉक्टरों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि डॉक्टर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं.
अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ विधायक ने खोला मोर्चा
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चिरंजीवी योजना की जानकारी मरीज के परिजनों को पहले देनी चाहिये. इस बारे में दिव्या का कहना है कि मरीज के शरीर में कोई हरकत नहीं थी. ऐसे में परिजन बहुत ज्यादा घबरा गए थे. उन्हें चिरंजीवी योजना का याद नहीं रहा. उनकी पहली प्राथमिकता मरीज की जान बचाना थी. ऐसे में डॉक्टरों के कहने पर उन्होंने आनन-फानन में सवा लाख रुपए जमा करवा दिए. अब दिव्या चिरंजीवी योजना का लाभ लेकर जाने पर अड़ी हुई हैं. साथ ही जमा राशि अस्पताल से वापस वसूल करने की बात कह रही हैं. फिलहाल समझाइश का दौर जारी है, लेकिन गतिरोध बना हुआ है.