Jodhpur News: ओसियां में नौ साल बाद नवरात्रि पर पिपलाज माता की हुई पूजा, जानें भक्तों को क्यों करना पड़ा इतना इंतजार?
Rajasthan News: जोधपुर के ओसियां में इस नवरात्रि पर 9 साल के इंतजार के बाद निज मंदिर में देवी मां की पूजा-अर्चना हुई. जानें क्यों करना पड़ा इतना इंतजार?

Shardiya Navratri 2022 In Rajasthan: राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां से नवरात्रि में मां दुर्गा के भक्तों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. 9 साल के इंतजार के बाद फिर से नवरात्रि में अपने निज मंदिर में देवी की पूजा-अर्चना हुई. ओसियां में स्थित शांडिल्य गोत्र की कुल देवी पिपलाज माता की मूर्ति फरवरी 2013 में निज मंदिर से चोरी हो गई थी. पिपलाज माता के साथ भगवान कुबेर और गणेश की मूर्तियों को उत्तर प्रदेश के चोर गैंग मंदिर से चुरा ले गए थे.
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की. फरवरी में ही मथुरा से चोरी की गई मूर्तियों को ओसिया पुलिस थाना अधिकारी जुल्फिकार ने बरामद करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया लेकिन कानूनी प्रक्रियाओं के चलते 9 साल तक मूर्तियां ओसियां पुलिस थाने के मालखाने में ही रखी रही थाने में ही पूजा पाठ किया जा रहा था.
सैकड़ों की संख्या में जुटी रही श्रद्धालुओं की भीड़
श्री पिपलाज माता मंदिर ओसियां के पुजारी सुमेरमल शर्मा ने बताया कि नवरात्रि पर्व पर मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना के साथ देवी का अभिषेक पूजन किया गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही. वहीं पूरे नवरात्रि पर्व के दौरान नौ दिनों तक नित्य अभिषेक और भजन कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है.
शांडिल्य गोत्र के लोगों को करना पड़ा संघर्ष
मंदिर ट्रस्ट के ओमजी और इस दौरान शांडिल्य गोत्र के लोगों ने अपनी कुलदेवी की मूर्ति को पुनः निज मंदिर में विराजित करने को लेकर काफी संघर्ष भी किया. 21 फरवरी 2020 को ओसियां मुंसिफ न्यायिक मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ सांदू ने फैसला सुनाते हुए पुरातत्व विभाग को मूर्तियों को पुनः मंदिर में विराजित करने के आदेश दिए थे. ऐसे में फरवरी 2022 में मूर्तियों को पुनः मंदिर में विराजित किया गया. ऐसे में 10 सालों के बाद इस बार पहली नवरात्रि है जिसमें देवी की पूजा अर्चना निज मंदिर में की जा रही है.
युवा कार्यकर्ताओं ने मंदिर परिसर में होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों में जोर शोर से हिस्सा लिया. इसमें देवीलाल शर्मा, सत्यनारायण, भंवरलाल, दीपक, हिम्मतमल, कुलदीप शांडिल्य, मुन्नालाल, राधे, जयदेव, जयप्रकाश, गजेन्द्र, ओमप्रकाश, सुरेश, भवानी, अंकित, मयंक सहित भक्तजनों की अहम भूमिका रही.
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