Rajasthan News: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा पवन सोलंकी एक साल के लिए निरुद्ध, जानें क्या है पूरा मामला?
Jodhpur Crime News: राजस्थान पुलिस ने अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक्शन मोड में है. जोधपुर पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक गुर्गे को पिछले महीने गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से फरार था.
Jodhpur News: मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद सीएम भजनलाल शर्मा ने ताबड़तोड़ कई अहम फैसले किए हैं. राजस्थान में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संगठित अपराध और वी गैंगस्टर पर सख्त कार्रवाई करने को लेकर पुलिस को निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट ईस्ट डीसीपी ने जोधपुर के मंडोर पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे हिस्ट्रीशीटर पवन सोलंकी को राजपासा में एक साल के लिए निरुद्ध किया है.
हिस्ट्रीशीटर पवन सोलंकी पर 18 गंभीर मुकदमें दर्ज हैं. पुलिस ने पवन सोलंकी को 22 नवंबर को उदयपुर से गिरफ्तार से किया था, वहां से उसे जोधपुर लाया गया था. इस कार्रवाई क बाद वह एक साल तक जेल के अंदर ही रहेगा. पवन सोलंकी पर रंगदारी, फायरिंग कर डराना धमकाने, अवैध हथियारों की सप्लाई सहित कई मामलों में संलिप्तता के आरोप हैं. इसके चलते पुलिस ने पवन सोलंकी को एंटी सोशल एक्टिविटिज एक्ट 2006 राजपासा के तहत निरुद्ध किया गया है.
जमानत मिलते ही हुआ फरार
पुलिस कमिश्नरेट ईस्ट डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि सरदारपुरा क्षेत्र में एक लूट के मामले में जमानत के बाद पवन सोलंकी फरार हो गया था. पुलिस पवन की तलाश कर रही थी. एक बार उसकी लोकेशन उदयपुर होने पर पुलिस वहां पहुंची. जब तक पवन वहां से गोवा भाग चुका था. उसके बाद वह नेपाल सहित कई स्थानों पर छिपा रहा. पुलिस ने अपराधी पवन सोलंकी के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए थी. पुलिस को एक बार फिर पवन सोलंकी के उदयपुर में होने की सूचना मिली.
पवन सोलंकी के 13 मामलों का कोर्ट में ट्रायल
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 22 नवंबर को पवन को उदयपुर से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद राजपासा की कार्रवाई की गई है. कोर्ट ने राजपासा में एक साल के लिए निरुद्ध करने का आदेश दिया है. पुलिस के मुताबिक, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा 33 वर्षीय पवन सोलंकी पर 18 मुकदमे दर्ज हैं. यह खुद अपने आपको लॉरेंस गैंग का बताकर रंगदारी वसूल करता था. उस पर फायरिंग, जानलेवा हमले, अवैध हथियारों की तस्करी, सरकारी भूमि पर कब्जे जैसे गम्भीर अपराधों के मामले दर्ज हैं. इनमें 13 मामलों में अभी न्यायलय में ट्रायल चल रहा है. राजपासा में निरुद्ध करने के बाद अब पवन एक साल तक जमानत पर बाहर नहीं आ सकता है.
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