Jodhpur Pornography Case: राजस्थान सरकार के मंत्री रामलाल जाट (Ramlal Jat) को हनीट्रैप करने की साजिश रचने वाले गिरोह का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने मॉडल गुनगुन उपाध्याय के आत्महत्या (Suicide) प्रयास के मामले में गुनगुन के बयानों के अनुसार पुलिस को जानकारी मिली और पुलिस ने मीडिया से साझा किया. इस मामले का मुख्य आरोपी अक्षत शर्मा व दीपाली को गिरफ्तारी के 7 दिन बाद कोर्ट से जमानत मिल गई. जमानत मिलते ही दोनों फरार हो गए कोर्ट से जमानत मिलने के दौरान कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर पुलिस को फटकार लगाई. आरोपियों की जमानत होने पर पुलिस की किरकिरी भी हुई उसके बाद डीसीपी भुवन भूषण यादव ने अक्षत शर्मा और दीपाली के विरुद्ध पॉर्नोग्राफी का एक मामला दर्ज किया गया था.
दिल्ली से किया गया आरोपी को गिरफ्तार
पुलिस उपायुक्त पूर्व भूवन भूषण यादव ने बताया कि उदयपुर निवासी अक्षत शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. उसके खिलाफ पोर्नोग्राफी का केस दर्ज हुआ था. पहले प्रकरण में उसे जमानत मिल गई थी. मगर जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया था. उसके दिल्ली में होने की जानकारी पर पुलिस की टीम को वहां भेजा गया और पकड़ा गया.
बता दें कि राजस्थान सरकार के मंत्री रामलाल जाट को हनीट्रैप मामले में फंसाने के लिए मॉडल गुनगुन उपाध्याय को हनीट्रैप की साजिश रच कर ब्लैकमेल किया जा रहा था. इससे आहत होकर युवती ने गत माह रातानाडा की एक होटल की आठवीं मंजिल से कूद कर अपनी जान देने का प्रयास किया था. मगर वह बच गई. पुलिस ने उसके भाई की रिपोर्ट पर उदयपुर के अक्षत शर्मा और दीपाली नाम की महिला के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस पर पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर जोधपुर लाई थी. सात दिन तक पुलिस अभिरक्षा में भी रहे. मगर बाद में कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई.
एयरपोर्ट थाने में दर्ज किया गया मामला
पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर केस कमजोर बनने से आरोपियों को जमानत मिल गई. बाद में पुलिस उपायुक्त भूवन भूषण यादव ने पुलिस की कार्यवाही को लेकर कुछ बिंदूओं पर फिर से जांच के आदेश दिए थे. आरोपियों के खिलाफ एक और केस पोर्नोग्राफी का एयरपोर्ट थाने में दर्ज कर लिया गया. अब उसे पोर्नोग्राफी केस में गिरफ्तार कर लाया गया है.
एसीपी मंडोर कर रहे केस की जांच
बता दें कि एयरपोर्ट थानाधिकारी दिलीप खदाव की तरफ से इस प्रकरण में जांच की गई. मगर कई खामियों के चलते आरेापियों को कोर्ट से जमानत मिलने पर मीडिया में काफी मामला उछला. तब पुलिस उपायुक्त पूर्व यादव ने इस मामले में पुलिस की तरफ से बरती गई कोताही या लापरवाही की आशंका में जांच को विभागीय स्तर प एसीपी मंडोर राजेंद्र प्रसाद दिवाकर को सौंप दी. पुलिस उपायुक्त यादव ने बताया कि इसमें अभी थानाधिकारी दिलीप खदाव के बयान होने है. एक दो दिन में रिपोर्ट का खुलासा कर दिया जाएगा. यह भी ज्ञात रहे कि इस प्रकरण में अक्षत शर्मा के वकील मित्र नवीन को भी गिरफ्तार किया गया था.
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