राजस्थान (Rajasthan) में जोधपुर (Jodhpur) रेलवे विद्युतीकरण और दोहरीकरण के साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेल संचालन को आधुनिक और मजबूत बनाने में लगा हुआ है. इसके लिए उत्तर पश्चिम रेलवे (North Western Railway) का सिग्नल व दूरसंचार विभाग रेल संचालन में संरक्षा को बढावा देने के लिए काम कर रहा है. इसी का नतीजा है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर सहित विभिन्न मण्डलों के 30 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की आधुनिक सिग्नल प्रणाली लगाई गई है.
चार इंटरमीडिएट ब्लॉक सिस्टम
सिग्नल प्रणाली में आधुनिकीकरण के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे पर लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए इस वित्तीय वर्ष में चार इंटरमीडिएट ब्लॉक सिस्टम (आईबीएस) भी स्थापित किए गए हैं. इस प्रणाली में एक ट्रेन के दूसरे स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही आईबीएस को पार करने के बाद उस खण्ड में दूसरी ट्रेन चलाई जा सकती है. इससे रेल दुर्घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगेगा.
अधिकारी ने क्या बताया
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, उत्तर पश्चिम रेलवे यात्रियों की सुविधाओं में वृद्धि करने के साथ ही रेल संचालन में संरक्षा-सुरक्षा को बढावा देने के लिए कार्य कर रही है. इस दिशा में सिग्नल व दूरसंचार विभाग अपनी भूमिका निभा रहा है.
532 समपार फाटक इंटरलॉकिंग
समपार फाटकों पर संरक्षा और सुरक्षा को बढावा देते हुए इस वित्तीय वर्ष में 23 समपार फाटकों को इंटरलॉक्ड किया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक कुल 532 समपार फाटकों को इंटरलॉकिंग किया गया है. इस प्रणाली में गेट के बन्द होने पर ही सिग्नल हरा होता है. गेट बन्द न होने पर उससे जुड़ा सिग्नल लाल ही रहता है, जिससे ट्रेन सुरक्षित दूरी पर खड़ी हो जाती है. इसी के साथ इस वर्ष 15 समपार फाटकों पर इलेक्ट्रिकल संचालित लिफ्टिंग बैरियर भी लगाए गए हैं, जिससे इनकी क्षमता और कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है.
253 रिले रूम्स में फायर अलार्म सिस्टम
रेलवे स्टेशन पर सिग्नल रिले रूम की सुरक्षा में वृद्धि के लिए इस वर्ष 74 स्टेशनों सहित उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 253 रिले रूमों में ऑटोमेटिक फायर अलार्म सिस्टम स्थापित किए गए हैं. इसी के साथ 36 स्टेशनों पर जीपीएस आधारित डिजीटल घड़ी भी लगाई गई है.
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