Amit Shah Rajasthan Visit: OBC मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए गृहमंत्री अमित शाह, लेंगे वन-टू-वन फीडबैक
BJP OBC Morcha Meeting: जोधपुर में 2023 विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव में वोटरों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. ओबीसी वोटर्स को लुभाने की नई रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी.
Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) राजस्थान दौरे पर हैं और आज वे सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के गृह नगर जोधपुर पहुंचे हैं. जोधपुर (Jodhpur) में चल रही ओबीसी राष्ट्रीय मोर्चा की बैठक में शाह शामिल होंगे. एयरपोर्ट से लगाकर बैठक स्थल तक कई जगह अमित शाह के स्वागत के कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं. बीजेपी ओबीसी जाति मोर्चा की बैठक कायलाना क्षेत्र की होटल लेकव्यू में रखा गया है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के स्वागत के लिए जोरदार तैयारियां की गईं हैं.
बनाई जाएगी रणनीति
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी देश ही नहीं एशिया की सबसे बड़ी पार्टी बनी. बीजेपी 17 करोड़ सदस्यों की पार्टी बनकर उभरी है. केंद्रीय गृहमत्री अमित शाह को इसीलिए आधुनिक राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. जोधपुर में 2023 विधानसभा चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव में वोटरों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी
ओबीसी वोटर्स को लुभाने पर फोकस
ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय वर्किंग कमेटी की बैठक कई मायनों में काफी अलग है. देश की कुल आबादी में से आधे से भी अधिक हिस्सा रखने वाले ओबीसी वोटर्स को लुभाने की नई रणनीति पर इसमें विस्तार से चर्चा होगी. इस नई रणनीति के आधार पर बीजेपी अगले वर्ष राजस्थान समेत कई राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरेगी.
एकजुट होकर करते हैं वोट
देश में मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद ओबीसी जातियों का उभार बहुत तेजी से हुआ. देश की राजनीति में उनकी अहम भूमिका तय हो गई. देश की 54 फीसदी आबादी वाली ओबीसी जातियों को भी अपना महत्व समझ में आ चुका है. ऐसे में कई राज्यों में ओबीसी जातियों के बड़े समूह एकजुट होकर चुनाव में किसी एक पार्टी से जुड़ जाते हैं. उनके किसी एक के पक्ष में आते ही उसी पार्टी के पक्ष में माहौल बनना शुरू हो जाता है. सभी राजनीतिक दलों को ओबीसी के महत्व का एहसास हो चला है. ऐसे में वे उन्हें साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. यही कारण है कि मोदी सरकार में ओबीसी से जुड़े 27 मंत्री हैं.
ओबीसी की बड़ी जातियों को साधने की कवायद
ओबीसी में शामिल छोटे-छोटे जातीय समूह, जिन्हें मूल ओबीसी माना जाता है, मुख्य रूप से बीजेपी के वोटर्स माने जाते हैं. वहीं बड़े जातीय समूह बीजेपी से कभी जुड़ते हैं तो कभी छिटक जाते हैं. राजस्थान में गत विधानसभा चुनाव में जाट और गुर्जर जैसे बड़े ओबीसी समूह बीजेपी से छिटक कांग्रेस के साथ चले गए तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में पार्टी के रणनीतिकार प्रत्येक राज्य की बड़ी ओबीसी जातियों को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर चर्चा करेंगे.
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