Rajasthan Crime News: जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव एक्शन में नजर आ रहे हैं. अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों के खिलाफ वो ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. एक के बाद एक अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल चुके हैं. उन्होंने बताया कि फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए जोधपुर पुलिस एक अभियान चला रही है.हम लगातार टॉप-10 फरार अपराधियों की लिस्ट जारी कर रहे हैं. इस अभियान के दौरान 25 हजार के इनामी अपराधी विशनाराम को पकड़ने के लिए पुलिस ने 12 राउंड फायर किए.


ईनाम की घोषणा के अगले दिन मिली लोकेशन


धर्मेंद्र यादव ने बताया कि सोमवार को हिस्ट्रीशीटर विशनाराम पर जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था.पुलिस को मंगलवार को सूचना मिली कि विशनाराम फलौदी थाना इलाके में मंडला खुर्द इलाके में है. इस सूचना पर भोजासर थाना पुलिस ने दोपहर 3:00 बजे के करीब इलाके के रास्ते पर नाकेबंदी कर दी. कुछ देर बाद बिना नंबर प्लेट की एक सफेद रंग की फॉर्च्यूनर मंडला खुद की नाकाबंदी से गुजरी. पुलिस ने फॉर्च्यूनर को रुकने का इशारा किया. लेकिन फॉर्च्यूनर गाड़ी का ड्राइवर नाकाबंदी तोड़कर गाड़ी को भगा ले गया.


कैसे फरार हो गया विशनाराम


इसके बाद भोजासर पुलिस की टीम में फॉर्च्यूनर का पीछा किया. ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि फॉर्च्यूनर में विशनाराम विश्नोई और उसका साथी ड्राइवर श्रवणराम थे. पुलिस ने फॉर्च्यूनर को रुकने के लिए कहा तो फॉर्च्यूनर ड्राइवर नाकाबंदी तोड़कर फॉर्च्यूनर भगाने लगा. पुलिस ने उसका पीछा करते हुए गाड़ी पर 12 राउंड फायर किए. पुलिस ने चलती फॉर्च्यूनर के टायर पर फायर किया. इस बीच विशनाराम मौके से फरार हो गया. वहीं कार से उतरकर भागने की फिराक में ड्राइवर श्रवण राम के पैर में फैक्चर हो गया. भोजासर पुलिस घायल श्रवण राम को लेकर फलौदी जिला अस्पताल पहुंची. वहां उसका इलाज किया जा रहा है. पुलिस श्रवणराम निवासी गांव खोजा पुलिस थाना धोरीमना बाड़मेर के अपराधिक रिकॉर्ड खंगा रही है. उसे हिरासत में लिया गया है. पुलिस फरार अपराधी विशनारम की तलाश कर रही है. 


सजा काट कर आया है विशनाराम
हिस्ट्रीशीटर विशनाराम आज पुलिस के हाथों से बचकर फरार हो गया. एएनएम भंवरी देवी अपहरण हत्याकांड मामले में 10 साल तक जेल में रहने के बाद 2021में हिस्ट्रीशीटर जमानत पर रिहा हुआ था.रिहा होने के बाद उसने एक बार फिर अपराध की दुनिया में कदम रख दिया है. लेकिन तब तक ईलाके में हिस्ट्रीशीटर राजू मांजू गैंग सक्रिय हो चुकी थी. रंगदारी, तस्करी अवैध मादक पदार्थ के काले कारोबार में वर्चस्व को लेकर दोनों गैंग में रंजिश हो गई थी.


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