Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर में धींगा गवर पूजन का मंगलवार को अंतिम दिन था. पूरी रात शहर की सड़कों पर सिर्फ महिलाएं दिखीं. शहर की सड़कों पर महिलाओं का राज रहा. इन सभी महिलाओं के हाथ में एक बेंत(छड़ी) थी. वे पुरुष सामने दिखते ही इसी बेंत से पुरुषों को मार रही थीं. हालांकि कुछ युवक ऐसे भी थे जो इस बेंत की मार खाना चाहते थे. यह बेंत कुंवारे युवकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. मान्यता है कि एक बेंत पड़ते ही शादी हो जाती है. 


कैसे हुई परंपरा की शुरुआत
बताया जाता है कि पुराने समय में भाभी अपने देवर और अन्य कुंवारे युवकों को प्यार से छड़ी मारकर बताती थीं कि यह कुंवारा है और रिश्ते की बात चल रही है. ऐसे में साथ वाली महिलाएं भी प्यार से बेंत मारकर कहती थीं-बात पक्की हो जाएगी और अब जल्द शादी भी हो जाएगी.


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पुरुषों पर बेंत बरसाई जाती है
इस दिन धींगा गवर की पूजा हुई. इसे मां सती और गौरी के रूप में भी पूजा जाता है. 16 दिन तक इसका पूजन होता है. 16वें दिन पूरी रात महिलाएं घर से बाहर रहती हैं. देर रात अलग-अलग समय में धींगा गवर की आरती की जाती है. महिलाएं पूजन के बाद अपने हाथ में बेंत लेकर निकलती हैं. इस दौरान जो भी पुरुष सामने आता है, उसपर यह बेंत बरसाई जाती है. कहा जाता है कि जिस युवक की शादी नहीं हुई है उसे यह बेंत पड़ जाती है तो उसका रिश्ता भी जल्द तय हो जाता है.


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