जोधपुर में संत की हत्या मामले में कोर्ट ने 6 साल बाद आरोपियों को किया रिहा, सबूतों के अभाव में फैसला
Jodhpur News: संत बाबा रामदास उदासीन निर्मम हत्या के मामले में 2017 से जेल में बंद दो आरोपियों को कोर्ट ने संदेह का लाभ दिया है. कोर्ट ने इन दोनों आरोपियों को रिहा कर दिया है.
Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) में संत बाबा रामदास उदासीन की उनके ही आश्रम में 26 अक्टूबर 2017 की रात को लाठियों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड के मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई थीं. अब 6 साल बाद जाकर आरोपियों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.
संत बाबा रामदास उदासीन हत्याकांड के बाद मामला 14 फरवरी 2018 से अपर सेशन कोर्ट नंबर-3 में चल रहा था. 20 जून को न्यायाधीश कुमकुम सिंह ने सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को इस हत्यकांड मामले में बरी करने के आदेश दिए हैं. अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-3 महानगर प्रथम के पीठासीन अधिकारी कुमकुम सिंह के न्यायलय में सुनवाई चल रही थी.
2017 से जेल में बंद थे आरोपी
संत बाबा रामदास उदासीन निर्मम हत्या के मामले में 2017 से जेल में बंद आरोपी उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला निवासी सुनील कुमार उर्फ राजकुमार और चित्तौड़गढ़ जिला निवासी देवीलाल विक्की को कोर्ट ने सुनवाई के बाद बरी कर दिया है. दोनों ही आरोपियों को कोर्ट ने संदेह का लाभ दिया है. अधिवक्ता शीतल सिंह ने बताया कि संत बाबा रामदास उदासीन की हत्या के मामले में आरोपी सुनील कुमार उर्फ राजकुमार और देवीलाल उर्फ विक्की को कोर्ट ने संदेह का लाभ दिया है.
दरअसल, पुलिस की जांच में ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया, जिसके चलते दोनों को कोर्ट से राहत न मिले. हत्याकांड के बाद से ही दोनों जेल में बंद चल रहे थे. अब कोर्ट ने दोनों को बरी करने का आदेश दिया है. जोधपुर के शास्त्री नगर पुलिस थाना क्षेत्र के सुभाष नगर, पाल रोड पर चंद्रेश्वर महादेव मंदिर स्थित है. इस मंदिर में 26 अक्टूबर 2017 की रात को मंदिर के पुजारी संत रामदास उदासीन की लाठियों से पीट-पीट का निर्मम हत्या कर दी गई थी.
इस हत्या के बाद मंदिर में काम करने वाले हरदोई जिला निवासी सुनील कुमार उर्फ राजकुमार और चित्तौड़गढ़ जिला निवासी देवीलाल उर्फ विक्की पर हत्या का आरोप लगा था. इसके चलते दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.