Jodhpur: राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की पहल, बच्चों को पिलाई जाएगी 'स्वर्णप्राशन' की बूंद
'आयुष आपके द्वार' कार्यक्रम को प्लस पोलियो की तर्ज पर चलाने की तैयारी की जा रही है. आने वाले दिनों में शिविर शहरों और गांवों में लगाये जाएंगे. कोरोना वायरस महामारी में आयुर्वेद के इलाज राहत मिली थी.
Jodhpur News: जोधपुर में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर बाल रोग विभाग ने 'आयुष आपके द्वार' कार्यक्रम का आयोजन किया. कुलपति प्रोफेसर वेद प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि कार्यक्रम को हम प्लस पोलियो की तर्ज पर देश भर में छोटे बच्चों के लिए अभियान चलाने की तैयारी कर रहे हैं. कोरोना वायरस महामारी में आयुर्वेद के इलाज ने लोगों को काफी राहत दी. उसके बाद से दुनिया भी आयुर्वेद को मानने लगी है.
वेद प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा कि कोरोना काल में संक्रमण और वायरस से लड़ने के लिए इम्युनिटी ही महत्वपूर्ण थी. इम्युनिटी मजबूत करने के लिए स्वर्णप्राशन और आयुर्वेद ने अहम योगदान दिया था. इसलिए 2023 तक के लिए शिविर कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं.
40 रुपये में स्वर्णप्राशन की एक डोज
स्वर्णप्राशन कैंपेन को डाबर के सहयोग से चलाया जा रहा है. वेद प्रदीप कुमार ने कहा कि बच्चों को पिलाई जाने वाली स्वर्णप्राशन की एक डोज की कीमत 200 रुपये होती है. लेकिन, डाबर की ओर से 40 रुपये में दी जा रही है. आने वाले दिनों में शिविर शहरों और गांवों में लगाये जाएंगे. स्वर्णप्राशन की ड्रॉप खास तौर से पुष्य नक्षत्र के दौरान पिलाई जाती है. स्वर्णप्राशन की बूंद से बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास तेज होता है और बीमारियों से लड़ने के लिए इम्युनिटी भी बढ़ती है. कुलपति प्रजापति ने कहा कि अभिभावकों में भी काफी उत्साह है. उसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं.
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में 'आयुष आपके द्वार' कार्यक्रम
स्वर्णप्राशन की ड्रॉप पिलाने के लिए लोग बच्चों को लेकर शिविर में पहुंच रहे हैं. बच्चों को उम्र के अनुसार स्वर्णप्राशन की बूंद दी जा रही है. भविष्य में संक्रमण और वायरस से लड़ने के लिए इम्युनिटी काफी हद तक सहायक होगी. सभी तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के विशेषज्ञ अभी हमारे पास मौजूद हैं. कुलपति प्रोफेसर प्रजापति ने बताया कि यूजीसी के जोधपुर स्थित मानव संसाधन विकास केंद्र के निदेशक प्रोफेसर राजेश दुबे ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं.
प्रोफेसर दुबे ने बताया कि एमओयू के तहत यूजीसी की ओर से आयुर्वेद विश्वविद्यालय में शिक्षकों के कौशल वर्धन के लिए प्रशिक्षण एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएग. आयुर्वेद विश्वविद्यालय की तरफ से आयुष आपके द्वार अभियान शुरू किया जा रहा है.