जोधपुरवासियों की प्यास बुझाने वाली कायलाना झील (Kaylana Lake) पर्यटकों के लिए एक मनोरम स्थान है. कायलाना झील का इतिहास काफी रोचक है. महल और बगीचों को तोड़कर जोधपुरवासियों की प्यास बुझाने की व्यवस्था की गई थी. 1892 में तत्कालीन महाराजा प्रताप सिंह ने पूर्व शासक भीम सिंह और तख्त सिंह के बनाए महल और बगीचों को ध्वस्त कर झील बनवाई. कायलाना झील को बनाने में 65 हजार का खर्च आया था. प्रताप सिंह के बनाए सह स्थल को प्रताप सागर कहा जाता था. प्रताप सागर जोधपुर के शासकों का प्रिय स्थान था.


क्या आप जानते हैं कायलाना झील का इतिहास?


राज परिवार के लोग प्रताप सागर में शिकार के लिए आया करते थे. प्रताप सागर सूअरों के दाना-पानी का अच्छा स्त्रोत बनने की वजह से कायलाना चौकी कहा जाने लगा. बाद में पूरे प्रताप सागर को कायलाना कहा जाने लगा. कायलाना के आसपास में वाइल्ड बोर (जंगली सुअर) की बड़ी तादाद थी. जंगली सुअर पानी पीने झील के किनारे आते थे. आबादी बढ़ने के साथ भालू गायब होते चले गए. एक समय आने से डर लगता था. अब पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. महाराजा प्रताप सिंह को आधुनिक जोधपुर का निर्माता भी कहा जाता है.




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84 वर्ग मीटर लंबाई और गहराई 35 से 40 फीट


मारवाड़ (Marwar) के जोधपुर (Jodhpur) की पहचान कायलाना लेक की सुंदरता निहारने देश विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं. कायलाना झील जोधपुर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है. जोधपुर में मौसम खुशगवार होने के साथ स्थानीय लोगों का जमावड़ा लग जाता है. बारिश के मौसम में सुबह से शाम लोग सैर-सपाटा करते नजर आते हैं. आरटीडीसी (RTDC) की बोटिंग और जीप-वे एडवेंचर डेवलप होने से पर्यटक बढ़े हैं. कायलाना झील 84 वर्ग मीटर यानी 52.19 मील लंबी है. जोधपुर शहर के पश्चिम में स्टेशन से 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. झील की गहराई 35 से 40 फीट है.


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जलस्तर बढ़ने झील की गहराई 45 से 50 फीट हो जाती है. कायलाना झील में ब्लैक कोबरा, जंगली बिल्ली, जंगली सुअर, खरगोश सहित कई तरह के पक्षी आते हैं. सर्दियों में अलग-अलग प्रजाति के विदेशी बर्ड्स भी कायलाना झील में देखे जाते हैं. हिमालय से हाथी नहर (Elephant Canal) के जरिए कायलाना झील में पानी आता है. इंदिरा गांधी लिफ्ट कैनाल (Indira Gandhi Lift Canal) से राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल  (Rajiv Gandhi Lift Canal) होता हुआ पानी हाथी नहर में पहुंचता है. कायलाना झील का पानी फिल्टर होकर जोधपुर के घरों में पहुंचता है. जोधपुरवासियों के लिए वाटर सप्लाई का कृत्रिम झील मुख्य स्रोत है.