Jodhpur Panchayat Samiti Election: पंचायत समिति तिंवरी के विकास अधिकारी के विरोध में शिकायत लेकर बीजेपी (BJP) के 12 व आरएलपी (RLP) के 2 पंचायत समिति सदस्य जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां सदस्यों ने ज्ञापन सौंप कर आरोप लगाया कि विकास अधिकारी ने चुनाव प्रणाली में निर्वाचन नियमों को नजरअंदाज कर स्थाई समितियों के परिणामों को ही बदल डाला. जिसको लेकर भाजपा नेता ने आपत्ति दर्ज कराते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र कार्रवाई की मांग रखी है.


अधिकारी पर चुनाव में धांधली करने का आरोप


राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के तहत जिला परिषद व पंचायत समितियों में स्थाई समितियों का गठन किया गया, जिसके तहत पंचायत समिति तिंवरी में गत 19 जनवरी को चुनाव प्रणाली के तहत विधिवत तरीके द्वारा सर्वसम्मति से स्थाई समितियों का निर्विरोध गठन किया गया. जिसके पश्चात विकास अधिकारी द्वारा गठित समितियों का प्रेस नोट भी जारी किया गया. वहीं अगले ही दिन 20 जनवरी को ही विकास अधिकारी द्वारा अपने स्तर पर अवैधानिक तरीके से चुनावी प्रक्रिया के दस्तावेज तैयार कर नई स्थाई समितियों का गठन कर दिया गया, जिसके संबंध में प्रधान व भाजपा समर्थित सदस्यों को जानकारी तक नहीं दी गई. जब इस संबंध में प्रधान को समिति के सदस्यों व अध्यक्षों को बदलने की भनक लगी तो भाजपा नेताओं ने दूरभाष पर जिला निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया.


बीजेपी और आरएलपी के नेताओं ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


मंगलवार को भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भैराराम सियोल के नेतृत्व में तिंवरी प्रधान नीलम भाटिया सहित भाजपा आरएलपी से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए शीघ्र कार्रवाई करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को ज्ञापन सौंपा और भाजपा नेताओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव में सरकारी मशीनरी द्वारा चुनाव आयोग व पंचायती राज नियमों की खुली अवहेलना करते हुए लोकतंत्र का मजाक बनाकर मखौल उड़ाया है, इस प्रकार से गैर जिम्मेदाराना कार्य करने वाले विकास अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए निष्पक्ष चुनाव प्रणाली से पूर्व में गठित स्थाई समितियों को यथावत रखा जाये. पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने कहा है की कांग्रेस सरकार के 3 साल की विफलताओं पर जनता ने मुहर लगाकर क्षेत्र में भाजपा के बोर्ड बनाए हैं, सत्ता पक्ष के स्थानीय जनप्रतिनिधि हार की खुन्नस निकालने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर पंचायती राज संस्थाओं में दखल कर भाजपा के जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे जनहित के कार्यों में व्यवधान डाल रहे हैं.


उन्होंने कहा कि साधारण सभा की बैठकों को आहूत नहीं होने देने व विकास कार्यों की स्वीकृतियों को अटकाने सहित अन्य मामलों को लेकर भाजपा जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार की दखलअंदाजी से संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि निष्पक्ष रूप से हुई चुनाव प्रणाली में हस्तक्षेप कर मनमाने तरीके से चहेतों को स्थाई समितियों में डालकर लोकतंत्र को कलंकित करने का कार्य किया जा रहा है जिसको लेकर भाजपा द्वारा पुरजोर तरीके से विरोध किया जा रहा है. भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने का कार्य किया जा रहा है जो की स्वस्थ लोकतंत्र के लिए उचित कृत्य नहीं है.


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पूर्व विधायक ने की अगुवाई


इस दौरान पूर्व विधायक भैराराम सियोल, तिंवरी प्रधान नीलम भाटिया, उपप्रधान खेमाराम बाना, भाजपा के पंचायत समिति सदस्य किसना राम पालीयाल, लक्ष्मण राम डोगीयाल, गीता डोगीयाल, मनोहर बैरड़, हवा देवड़ा, मुकेश प्रजापत, भागीरथ विश्नोई, उषा मेघवाल, देवी मेघवाल, शारदा व आरएलपी से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य गीता मेघवाल, अचली देवी सहित भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन सिंह भाटी, तिंवरी भाजपा मंडल के पूर्व अध्यक्ष पन्नालाल सेवक सहित मौजूद रहे. स्थाई समितियों के अध्यक्षों के निर्वाचन के परिणामों में BDO ने मनमाने तरीके से धांधली कर कांग्रेस सदस्यों को सभी समितियों में अध्यक्ष बना डाला.


पंचायत समिति में 6 स्थाई समितियों का गठन किया गया, जिनमें प्रत्येक समिति में 5 सदस्यों का निर्वाचन हुआ. इन समितियों में एक-एक सदस्य कांग्रेस से भी निर्वाचित हुए. इन 6 समितियों में से पांच में भाजपा के और 1 में आरएलपी के सदस्य अध्यक्ष चुने गए. आरोप है कि विकास अधिकारी ने इन परिणामों में कारस्तानी करते हुए 5 समितियों के भाजपा अध्यक्षों को बदलते हुए सत्ता पक्ष के कांग्रेस सदस्यों को अध्यक्ष बना डाला.


पंचायत समिति तिंवरी एक नजर में


कुल पंचायत समिति सदस्य=23
भाजपा से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य=12
आरएलपी से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य=02
कांग्रेस से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य=09


भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने पर पंचायत समिति तिंवरी से भाजपा की नीलम भाटिया प्रधान चुनी गई. यहां पर आरएलपी से निर्वाचित दो पंचायत समिति सदस्यों ने भी भाजपा का समर्थन किया. इससे साफ है कि भाजपा का स्पष्ट बहुमत होने पर गठित 6 स्थाई समितियों में भी भाजपा के अध्यक्ष सहित अधिकांश सदस्य भी इनके चुने गए बहुमत होने के बावजूद इन समितियों में कांग्रेस का एक-एक सदस्य सम्मिलित किया गया, लेकिन राजनीतिक दखल के कारण विकास अधिकारी ने निर्विरोध निर्वाचित स्थाई समितियों के चुनाव परिणामों को बदलकर इन समितियों में कांग्रेस के निर्वाचित 1-1 सदस्यों को स्थाई समितियों का अध्यक्ष बना डाला. 


भाजपा नेताओं का आरोप


भाजपा नेताओं ने कहा है कि प्रजातांत्रिक तरीके से पंचायत समिति तिंवरी में स्थाई समितियों के निर्विरोध चुनाव संपन्न होने के बावजूद स्थानीय सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों के राजनीतिक दबाव से ये काम हुआ है. उनके इशारे पर विकास अधिकारी द्वारा अवैधानिक तरीके से समितियों का पुनर्गठन कर कांग्रेस सदस्यों का निर्वाचन कर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है. उन्होंने बताया कि चुनाव परिणामों में धांधली करने पर भाजपा द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई गई है.


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