Rajasthan News: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत राजस्थान के लूणी विधानसभा क्षेत्र के चार पटवार सर्कल के किसानों की साल 2021 की खरीफ फसल बीमा की दावा राशि के बकाया भुगतान की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है. तकनीकी कारणों से इन चार पटवार सर्कल के काश्तकारों का भुगतान बकाया रह गया था. जोधपुर सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) के प्रयासों से इन किसानों के खातों में करीब 17 करोड़ 36 लाख जमा होने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है. इसके लिए किसानों ने शेखावत का आभार व्यक्त किया है. बीमा दावे की यह राशि लूणी विधानसभा क्षेत्र के चार पटवार सर्कल नंदवाण, शुभडंड, कालीजाल और जानादेसर क्षेत्र के किसानों को मिलेगी.
दरअसल, संबंधित फसल बीमा कंपनी ने किसानों के बीमा दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि क्रॉप कटिंग के समय उन्हें को-विटनेस के रूप में साथ नहीं रखा. इस पर लूणी के पूर्व विधायक जोगाराम पटेल और किसानों का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री शेखावत से दिल्ली में मिला और उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया. शेखावत ने उच्चाधिकारियों से बात की और बीमा राशि भुगतान करने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस पूरे मामले का निस्तारण करवाया. इसमें केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी सक्रिय भूमिका निभाई.
लूणी के चार पटवार सर्कल का रह गया था बकाया
लूणी के पूर्व विधायक जोगाराम पटेल ने बताया कि जोधपुर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसल बीमा 2021 में 3 लाख एक हजार 867 काश्तकारों का तीन अरब 99 करोड़ 32 लाख 38 हजार 109 रुपये का क्लेम बना था. इसमें से लूणी विधानसभा क्षेत्र के 69 हजार 105 काश्तकारों का दो अरब 57 लाख 26 हजार 670 रुपये का क्लेम बना. क्लेम की राशि इन किसानों को मिल गई.
बैंक की त्रुटि से 5.61 करोड़ अटके
लूणी क्षेत्र में ग्राम पंचायत पीपरली में बैंक की त्रुटि के कारण 5 करोड़ 61 लाख से अधिक का भुगतान अटक गया था, जो कुछ समय पहले हो गया था. लूणी विधानसभा क्षेत्र के चार पटवार सर्कल नंदवाण, शुभडंड, कालीजाल और जानादेसर क्षेत्र के किसानों की प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि फिर भी बाकी रह गई थी. इंश्योरेंस कम्पनी ने क्रॉप कटिंग में को-विटनेस साथ नहीं रखा. बाद में राज्य सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय तकनीकी सलाहकार समिति ने भी 8 अप्रैल 22 को बीमा कंपनी के एतराज को खारिज कर दिया. इसके बाद कंपनी 12 अप्रैल 22 को केन्द्रीय कृषि आयुक्त के समक्ष रिव्यू फाइल किया. इसमें कंपनी के ऐतराज को खारिज कर दिया गया.
बीमा कंपनी के एतराज को खारिज किया
किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शेखावत से मिला. उन्होंने उच्च अधिकारियों से बात कर मामले के निस्तारण के निर्देश दिए. इस मामले को दिल्ली की केन्द्रीय तकनीकी सलाहकार समिति में रखा गया. वहां 13 अक्टूबर को बैठक करवाई गई. केन्द्रीय समिति ने भी बीमा कंपनी का ऐतराज खारिज करते हुए किसानों को बीमा दावा राशि देने के निर्देश दिए. शेखावत ने मामले की लगातार मॉनिटरिंग करके किसानों की फसल बीमा की बकाया राशि लगभग 17 करोड़ 36 लाख के भुगतान का मार्ग प्रशस्त कराया.
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